बिहार: खगड़िया में बाढ़ से हालात बिगड़े, राहत और बचाव कार्य तेज, कई इलाकों में नावों से पहुंचाई जा रही मदद

खगड़िया : खगड़िया जिले में बाढ़ का पानी लगातार नए क्षेत्रों में फैलता जा रहा है. हालात की गंभीरता को देखते हुए जिला प्रशासन ने राहत और बचाव कार्यों को पूरी सक्रियता के साथ शुरू कर दिया है. जिले की प्रमुख नदियां — बागमती, कोसी, बूढ़ी गंडक और गंगा — खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं.

बागमती नदी का जलस्तर 36.37 मीटर है, जो खतरे के निशान से 0.74 मीटर ऊपर है। कोसी नदी 34.59 मीटर पर है, जबकि बूढ़ी गंडक 37.72 मीटर पर बह रही है, जो खतरे के निशान से 1.12 मीटर ऊपर है. गंगा नदी का जलस्तर 35.69 मीटर है, जो खतरे के निशान से 1.62 मीटर ऊपर है। प्रशासन सभी जलस्तरों पर निगरानी बनाए हुए है और संबंधित विभागों को अलर्ट पर रखा गया है.गोगरी अंचल के झिकटिया पंचायत वार्ड-17, बोरना पंचायत वार्ड-11, बन्नी पंचायत और गोगरी पंचायत के हिस्सों में पानी घुस गया है. कुछ स्थानों पर सड़क संपर्क पूरी तरह टूट चुका है. प्रशासन ने इन इलाकों में नावों की व्यवस्था कर राहत और बचाव शुरू कर दिया है. भूरिया दियारा और कटघरा के पुल पर पानी आने के कारण भी नाव चलाई जा रही है.

बाढ़ पीड़ित लोगों ने पॉलिथीन शीट्स की मांग की है, जिसे प्रशासन ने प्राथमिकता पर लिया है. जिले में इस समय कुल 51 नावें चलाई जा रही हैं, जो प्रभावित लोगों को सुरक्षित स्थानों तक पहुंचाने और जरूरी सामान की आपूर्ति का काम कर रही हैं. रहीमपुर मध्य, दक्षिणी और उत्तरी पंचायतों में भी पहले से 9 नावें चल रही हैं.परबत्ता अंचल के कुल्हरिया, भरसो, माधवपुर, तेमथा करारी, दरियापुर और भेलवा पंचायतों में भी नावों की व्यवस्था की गई है. बाढ़ के चलते तटबंधों पर विशेष निगरानी रखी जा रही है। FCD-1 के कार्यपालक अभियंता द्वारा सभी तटबंधों की निगरानी की जा रही है.वहीं, दरियापुर भेलवा में पेयजल की समस्या को देखते हुए डीएम नवीन कुमार ने पीएचईडी विभाग को तुरंत चापाकल लगाने का निर्देश दिया है. प्रशासन बाढ़ को लेकर पूरी तरह सतर्क है.डीएम ने अंचल अधिकारियों और अनुमंडल पदाधिकारी को प्रभावित क्षेत्रों का नियमित निरीक्षण कर राहत सामग्री की उपलब्धता सुनिश्चित करने का आदेश दिया है.

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