बिहार सरकार ने ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करने और युवाओं को रोजगार से जोड़ने के लिए एक बड़ी पहल की है। पशुपालन निदेशालय ने राष्ट्रीय पशुधन मिशन (एनएलएम) के तहत उद्यमिता विकास कार्यक्रम (एनएलएम-ईडीपी) की शुरुआत की है। इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य पशुपालन को व्यावसायिक रूप से विकसित करना और ग्रामीण इलाकों में रोजगार के अवसर बढ़ाना है।
इस योजना के तहत किसानों, स्वयं सहायता समूहों, किसान उत्पादक संगठनों, सहकारी समितियों और निजी उद्यमियों को अधिकतम 50% कैपिटल सब्सिडी प्रदान की जाएगी। इसका सीधा फायदा उन लोगों को मिलेगा जो बकरी, भेड़, सूअर, मुर्गी पालन या चारा उत्पादन जैसे पशुपालन से जुड़े व्यवसाय शुरू करना चाहते हैं।
कार्यक्रम के तहत छोटे पशुओं के नस्ल सुधार, प्रति पशु उत्पादकता वृद्धि और मांस, अंडा, दूध, ऊन और चारे के उत्पादन को बढ़ावा दिया जाएगा। इसके अलावा, चारा बीज आपूर्ति श्रृंखला को सशक्त बनाने और किसानों के लिए पशुधन बीमा सहित जोखिम प्रबंधन उपायों को लागू करने पर भी जोर दिया गया है।
मांग और आपूर्ति के बीच संतुलन बनाए रखने के लिए चारा प्रसंस्करण उद्योग की स्थापना को प्रोत्साहन दिया जाएगा। साथ ही, प्राथमिकता वाले क्षेत्रों जैसे मुर्गी, भेड़, बकरी पालन और चारा उत्पादन में अनुसंधान को बढ़ावा दिया जाएगा। उत्पादन लागत कम करने और पशुधन क्षेत्र की गुणवत्ता सुधारने के लिए किसानों को कौशल आधारित प्रशिक्षण और नई तकनीकों का प्रसार भी इस योजना का हिस्सा है।
इस पहल का लक्ष्य न केवल किसानों और पशुपालकों की आय बढ़ाना है, बल्कि बिहार की ग्रामीण अर्थव्यवस्था को आत्मनिर्भर बनाने में भी मदद करना है। योजना से जुड़ने के इच्छुक किसान और उद्यमी आधिकारिक वेबसाइटों के माध्यम से अधिक जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।
बिहार सरकार का यह कदम पशुपालन क्षेत्र को नई दिशा देगा और ग्रामीण स्तर पर बड़े पैमाने पर रोजगार के अवसर पैदा करेगा।