बिहार के भागलपुर में सावन के पहले ही सोमवार को बड़ा हादसा हो गया. भगवान शिव का अभिषेक करने से पूर्व गंगा नहाने गए 11 दोस्त अचानक गहरे पानी में डूब गए. गनीमत रही कि गोताखोरों की नजर पड़ गई. काफी मुश्किल से गोताखोरों ने इन सभी को बाहर तो निकाल लिया, लेकिन इतने में चार दोस्तों की मौत हो चुकी थी. वहीं 7 अन्य को गंभीर स्थिति में अस्पताल में भर्ती कराया गया है. घटना भागलपुर के नारायणपुर प्रखंड में भवानी पुर गांव का है.
सूचना पाकर मौके पर पहुंची पुलिस ने चारों दोस्तों के शव कब्जे में लेकर मामले की जांच शुरू कर दी है. पुलिस के मुताबिक सभी 11 दोस्त नवगछिया थाना क्षेत्र के गांव नया टोला के रहने वाले थे. इन सभी ने सावन के पहले सोमवार को गंगा के जल से भगवान शिव के अभिषेक का फैसला किया था. इसके लिए यह सभी रविवार की रात में ही जल भरने के लिए भवानी पुर पहुंच गए थे. सोमवार की अल सुबह यह सभी जल भरने के लिए गंगा घाट पर आए और नहाने लगे. इतने में एक युवक आलोक कुमार का पैर फिसल गया और गहरे पानी में डूबने लगा.
2 नाबालिग समेत 4 की मौत
उसे बचाने के लिए बाकी 10 दोस्तों ने कोशिश की, लेकिन यह सभी पानी में डूबने लगे. इससे गंगा के घाट पर चीख पुकार मच गई. संयोग अच्छा था कि वहां पर कुछ गोताखोर भी थे. इन गोताखोरों ने काफी मुश्किल से इन सभी को पानी से बाहर तो निकाल लिया, लेकिन इतनी ही देर में आलोक समेत चार दोस्तों की मौत हो चुकी थी. इनमें दो नाबालिग भी शामिल हैं. मृतकों की पहचान शिवम कुमार (18), सोनू कुमार (16), आलोक कुमार (18), संजीव कुमार (17 के रूप में हुई है.
गंगा घाट पर नहीं है बैरिकेडिंग
सूचना मिलने पर भवानीपुर थानाध्यक्ष महेश कुमार, अंचलाधिकारी विशाल अग्रवाल, आरओ भरत कुमार झा सहित कई अन्य अधिकारी मौके पर पहुंचे और मामले की छानबीन की. इतने में सूचना मिलने पर इन सभी 11 दोस्तों के परिजन भी मौके पर पहुंच गए. स्थानीय लोगों ने इस घटना के लिए प्रशासन को जिम्मेदार बताया है. कहा कि पुलिस और प्रशासन को भी पता है कि सावन में गंगा घाट पर श्रद्धालुओं की भारी भीड़ होती है. बावजूद इसके किसी भी घाट पर ना तो बैरिकेडिंग की गई है और ना ही बचाव कार्य के लिए कोई अन्य इंतजाम किए गए हैं. प्रशासन की इस लापरवाही का खामियाजा सावन के पहले ही सोमवार को 4 लोगों को अपनी जान देकर चुकाना पड़ा है.