बिहार भगवान भरोसे…’,  कुत्ते के बाद ट्रैक्टर के नाम पर निवास प्रमाण पत्र के लिए आवेदन पर तेजस्वी का हमला 

बिहार में प्रशासनिक लापरवाही और भ्रष्टाचार का एक हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है. यहां डॉग बाबू और सोनालिका ट्रैक्टर के नाम से निवास प्रमाण पत्र के लिए आवेदन आया. डॉग बाबू के नाम से निवास बन भी गया. हैरानी की बात यह है कि इन प्रमाण पत्रों में “पिता” के नाम पर कुत्ता बाबू और स्वराज ट्रैक्टर, जबकि “माता” के नाम पर कुतिया देवी और कार देवी दर्ज है. सोनालिका ट्रैक्टर के नाम से निवास प्रमाण पत्र के लिए आवेदन किया गया था.

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यह मामला जैसे ही सामने आया, सोशल मीडिया पर वायरल हो गया और विपक्ष को सरकार पर हमला करने का एक और मौका मिल गया. विपक्षी नेताओं ने इस घटना को बिहार सरकार की “गवर्नेंस फेल्योर” का ताजा उदाहरण बताया.

विपक्ष ने सरकार को घेरा

राजनीतिक गलियारों में इस प्रकरण को लेकर हलचल तेज हो गई है. विपक्ष ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और केंद्र में सत्तारूढ़ बीजेपी को निशाने पर लेते हुए कहा कि बिहार में गवर्नेंस नाम की कोई चीज नहीं बची है. मुख्यमंत्री अचेत हैं और मंत्री एवं अधिकारी आकंठ भ्रष्टाचार में डूबे हुए हैं. बिहार अब भगवान भरोसे चल रहा है.

प्रशासन की चुप्पी, जांच की मांग तेज

इस मामले में अब तक प्रशासन की ओर से कोई ठोस सफाई नहीं आई है. हालांकि विपक्ष और जागरूक नागरिकों ने इस पर कड़ी कार्रवाई और उच्च स्तरीय जांच की मांग की है. लोगों का कहना है कि यह केवल एक उदाहरण है, सिस्टम की गहराई में कई और फर्जीवाड़े छुपे हो सकते हैं.

मोतिहारी से सामने आया मामला

बता दें कि कुत्ते के नाम पर निवास प्रमाण पत्र जारी होने के मामले के बाद अब सोनालिका ट्रैक्टर के नाम से निवास प्रमाण पत्र के लिए आवेदन किया गया है. यह मामला पूर्वी चंपारण जिले के मोतिहारी का है. जानकारी के अनुसार, यह फर्जी आवेदन जिले के कोटवा अंचल कार्यालय के नाम से ऑनलाइन जमा किया गया था. इसमें ट्रैक्टर के नाम के साथ फर्जी पता और तस्वीर भी अपलोड की गई थी. आवेदन की जांच के दौरान जब अधिकारियों ने इसकी असलियत परखी, तो मामले की गंभीरता समझते ही प्रशासनिक महकमे में हड़कंप मच गया.

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