जमुई : समाजवादी विचारधारा के पुरोधा, बिहार विधानसभा के पूर्व अध्यक्ष और प्रखर जननायक स्वर्गीय त्रिपुरारि प्रसाद सिंह की 95वीं जयंती सोमवार को जमुई में राजकीय समारोह के रूप में श्रद्धा और सम्मान के साथ मनाई गई. पूरे कार्यक्रम में जनभावना और आत्मीयता का अद्भुत संगम देखने को मिला.
समारोह की शुरुआत कचहरी रोड स्थित त्रिपुरारि बाबू की आदमकद प्रतिमा पर माल्यार्पण से हुई. इसके बाद श्रद्धालुओं, जनप्रतिनिधियों और प्रशासनिक अधिकारियों का जत्था किऊल नदी तट पर स्थित समाधि स्थल पहुँचा, जहाँ पुष्प अर्पित कर उन्हें नमन किया गया। यह अवसर इसलिए भी विशेष रहा क्योंकि उनकी जयंती को लगातार पाँचवीं बार राजकीय समारोह के रूप में आयोजित किया गया. कार्यक्रम में जमुई की विधायक श्रेयसी सिंह, जिलाधिकारी नवीन कुमार झा, एडीएम रविकांत सिन्हा, एसडीएम सौरभ कुमार, डीपीआरओ वीरेंद्र कुमार, नगर परिषद की कार्यपालक पदाधिकारी डॉ. प्रियंका गुप्ता, नजारत उप समाहर्ता भानु प्रकाश, जिला विधिज्ञ संघ के अध्यक्ष सीताराम सिंह, पूर्व लोक अभियोजक शिशिर कुमार दुबे और कई अन्य गणमान्य लोग उपस्थित रहे.
विधायक श्रेयसी सिंह ने त्रिपुरारि बाबू की प्रतिमा पर माल्यार्पण के बाद श्रद्धांजलि अर्पित की और कहा, “त्रिपुरारि बाबू समाजवाद के गौरव थे। उन्होंने गरीबों, किसानों और मजदूरों की आवाज को हमेशा बुलंद किया. जाति, धर्म और संप्रदाय से ऊपर उठकर उन्होंने समाज के अंतिम व्यक्ति तक विकास का संदेश पहुँचाया. उनके आदर्शों को आत्मसात करना ही सच्ची श्रद्धांजलि होगी.”इस मौके पर जिलाधिकारी नवीन कुमार झा ने भी दिवंगत नेता को नमन किया और कहा कि “स्व. त्रिपुरारि प्रसाद सिंह का जीवन सादगी, संघर्ष और सेवा का उदाहरण है. उन्होंने अन्याय और अत्याचार के खिलाफ आवाज उठाकर जनहित को सर्वोच्च प्राथमिकता दी. आज भी उनके विचार और मूल्य समाज के लिए उतने ही प्रासंगिक हैं.”
कार्यक्रम में श्रद्धांजलि अर्पित करने वालों में निरंजन कुमार सिंह, संगम सिन्हा, मृत्युंजय सिंह, चंद्रदेव सिंह, ब्रजेश बरनवाल, पन्ना सिंह, बेचन सिंह, अवधेश गुप्ता, रामानंद सिंह, वरुण यादव, मिश्री सिंह, चंदन सिंह, रेशमी कुमारी, विश्वास रावत, अनिल मंडल, सुजीत विश्वकर्मा, मुजफ्फर आलम और समीमुल्ला जी सहित बड़ी संख्या में नागरिक शामिल हुए. सभी ने दल और जाति की सीमाओं से ऊपर उठकर उन्हें श्रद्धांजलि दी. उधर, दिवंगत नेता की पत्नी एवं पूर्व विधान पार्षद श्रीमती इंदु सिंह अस्वस्थता के कारण समारोह में शामिल नहीं हो सकीं, किंतु उन्होंने अपने आवास पर पति को नमन करते हुए उन्हें भावभीनी श्रद्धांजलि दी. वहीं पुत्रवधू पूनम सिंह, पुत्र शान्तनु सिंह और संदीप सिंह सहित परिवार के सदस्य समारोह में उपस्थित रहे और श्रद्धासुमन अर्पित किए.
कार्यक्रम के दौरान वातावरण भावनात्मक बना रहा. वक्ताओं ने कहा कि स्व. त्रिपुरारि बाबू ने अपना पूरा जीवन जनसेवा और समाजवाद की स्थापना के लिए समर्पित किया। वे चार बार विधायक, दो बार विधान परिषद के सदस्य, 1971 में कर्पूरी ठाकुर मंत्रिमंडल में मंत्री, 1977 में बिहार विधानसभा अध्यक्ष और 1984 में जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष रहे. उन्होंने सदैव जनता की समस्याओं को उठाया और जमुई जिले के सर्वांगीण विकास के लिए कार्य किया.वक्ताओं ने विशेष रूप से गरही डैम परियोजना का उल्लेख किया, जिसे त्रिपुरारि बाबू की ऐतिहासिक देन बताया गया। इस डैम से आज भी सैकड़ों गाँवों की खेती की सिंचाई होती है.
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की सरकार द्वारा उनके जन्म दिवस 6 अक्टूबर को राजकीय समारोह के रूप में प्रतिवर्ष मनाने का निर्णय लिया गया है, जिससे भावी पीढ़ियाँ उनके जीवन से प्रेरणा ले सकें. कार्यक्रम के समापन पर उपस्थित जनों ने कहा कि स्व. त्रिपुरारि प्रसाद सिंह न केवल जमुई बल्कि पूरे बिहार के गौरव थे। उनके संघर्ष और सादगी भरे जीवन को भुलाया नहीं जा सकता. पूरे परिसर में “त्रिपुरारि बाबू अमर रहें” के नारे गूंजते रहे और लोगों ने उनके बताए रास्ते पर चलने का संकल्प लिया.