सुपौल: भारत-नेपाल सीमा पर तैनात 45वीं वाहिनी एसएसबी की सीमा चौकी कुनौली ने चेकपोस्ट ड्यूटी के दौरान एक संदिग्ध बांग्लादेशी नागरिक को नकली दस्तावेज के साथ गिरफ्तार किया. गिरफ्तार व्यक्ति नेपाल से भारत में प्रवेश कर रहा था और संदेह होने पर एसएसबी जवानों ने उसे रोककर पूछताछ की.
पूछताछ में उसने अपनी सही पहचान छुपाने की कोशिश की और नकली दस्तावेज भी दिखाए. एसएसबी 45वीं बटालियन के कमांडेंट गौरव सिंह ने बताया कि सीमा चौकी कुनौली के जवानों ने चेक पोस्ट ड्यूटी के दौरान नेपाल से भारत में प्रवेश कर रहे एक व्यक्ति को संदिग्ध गतिविधियों के आधार पर रोका. जब उससे पहचान पत्र दिखाने को कहा गया, तो उसने एक नकली आधार कार्ड प्रस्तुत किया और अपने सामान की तलाशी देने से इनकार कर दिया.
पूछताछ में व्यक्ति ने अपना नाम मोल्ला अकबर, पिता – मोल्ला रफ़ी, उम्र 49 वर्ष (आधार कार्ड के अनुसार), वास्तविक उम्र 65 वर्ष, ग्राम – तेंतुलबेरिया, थाना+पोस्ट – नक्शीपाड़ा, जिला – नादिया, पश्चिम बंगाल – 741138 बताया.
गहन पूछताछ के दौरान उसने यह भी स्वीकार किया कि वर्ष 2010-11 में मुंबई पुलिस ने उसे बांग्लादेशी नागरिक होने के आधार पर गिरफ्तार किया था. पनवेल पुलिस द्वारा उसे छह महीने की जेल भी हुई थी.
व्यक्ति द्वारा फर्जी दस्तावेज प्रस्तुत करने और अपनी पहचान छुपाने के कारण एसएसबी ने उसे गिरफ्तार कर लिया. आवश्यक कानूनी प्रक्रिया के बाद उसे कुनौली थाना पुलिस को सौंप दिया गया.
इस कार्रवाई में एसएसबी के सहायक उप निरीक्षक जयदेव घोष सहित अन्य जवानों ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई. एसएसबी की सक्रियता और सतर्कता के चलते एक संदिग्ध बांग्लादेशी नागरिक की गिरफ्तारी संभव हो सकी, जिससे सीमा सुरक्षा को मजबूत करने में मदद मिली.
एसएसबी अधिकारियों के अनुसार व्यक्ति के पुराने आपराधिक रिकॉर्ड और नकली दस्तावेजों के आधार पर उसके खिलाफ कड़ी कानूनी कार्रवाई की जाएगी. मामले की विस्तृत जांच की जा रही है, जिससे यह पता लगाया जा सके कि उसकी भारत में आने की वास्तविक मंशा क्या थी.
भारत-नेपाल सीमा पर इस तरह के मामलों को रोकने के लिए एसएसबी की गश्त और कड़ी कर दी गई है. सुरक्षा एजेंसियां इस घटना के बाद और अधिक सतर्क हो गई हैं ताकि भविष्य में ऐसे संदिग्ध व्यक्तियों की घुसपैठ को रोका जा सके.