भागलपुर: भागलपुर के सरकारी कार्यालयों की दीवारें अब कला और जागरूकता का संगम प्रस्तुत कर रही हैं. इन दीवारों को पारंपरिक मंजूषा पेंटिंग से सजाया जा रहा है. कलाकार अपनी कला के माध्यम से यह संदेश दे रहे हैं कि पेड़-पौधों और जीव-जंतुओं का संरक्षण कितना आवश्यक है. पेंटिंग में दर्शाया गया है कि किस तरह बड़े-बड़े वृक्ष अंधाधुंध काटे जा रहे हैं और इसका नुकसान पर्यावरण व जीव-जंतुओं को उठाना पड़ रहा है.
कलाकारों ने यह भी दर्शाया है कि वृक्ष हमारे जीवन के लिए कितने महत्वपूर्ण हैं. यह न केवल पर्यावरण का संतुलन बनाए रखते हैं बल्कि मानव जीवन को भी सहारा देते हैं. इसके साथ ही पेंटिंग में भागलपुर की पहचान गंगा डॉल्फिन को भी उकेरा गया है. भागलपुर डॉल्फिन अभ्यारण के लिए जाना जाता है और इन पेंटिंग्स के माध्यम से लोगों को इस विलुप्तप्राय प्रजाति के संरक्षण का संदेश दिया जा रहा है.इन चित्रों को बनाने में तीन प्रकार के विशेष रंगों का उपयोग किया जा रहा है. रंगों का चुनाव न केवल इन्हें आकर्षक बनाता है बल्कि मंजूषा कला की मौलिकता को भी दर्शाता है. सरकारी दफ्तरों की दीवारों पर बनी ये पेंटिंग्स लोगों का ध्यान अपनी ओर खींच रही हैं. इन्हें देखकर लोग एक ओर जहां कला का आनंद ले रहे हैं वहीं दूसरी ओर पर्यावरण संरक्षण के महत्व को भी समझ पा रहे हैं.
इस पहल से भागलपुर यह संदेश दे रहा है कि परंपरागत कला भी समाज में जागरूकता फैलाने का सशक्त माध्यम बन सकती है. यह संस्कृति का उत्सव है और साथ ही संरक्षण का आह्वान भी.