जमुई : राष्ट्रीय गुणगान तिरंगा यात्रा शुक्रवार को जमुई जिले के खैरा प्रखंड अंतर्गत नवडीहा, कैंडीह, बल्लोपुर, भंडरा, सगदाहा और बेला गांव पहुंची. वहीं दूसरे दिन आज शनिवार को बरहट प्रखंड के पेंगही ग्राम से शुरू हुए यात्रा भरकहुआ, बरहट गांव पहुँची.इस अवसर पर संस्थापक निर्भय प्रताप सिंह का ग्रामीणों ने गर्मजोशी से स्वागत किया. जनता ने कहा कि विकास के लिए निर्भय प्रताप जैसा नेतृत्व ही जरूरी है.
निर्भय प्रताप ने सभा को संबोधित करते हुए कहा कि उन्होंने ऑफिसर की नौकरी और डायरेक्ट मजिस्ट्रेट की पदवी ठुकराकर समाजसेवा का मार्ग चुना. “नेता तभी सम्मानित होंगे जब उनके कर्म सुभाषचंद्र बोस, भगत सिंह और लौहपुरुष सरदार पटेल की तरह जनता के हित में होंगे. केवल परिवारवाद की राजनीति से समाज नहीं बदल सकता,” उन्होंने कहा.उन्होंने बताया कि अब तक 150 से अधिक गांवों में बैठक कर चुके हैं और 6000 से ज्यादा लोगों को योग से जोड़ा है.स्वच्छता अभियान के तहत 50 से अधिक बार अभियान चलाए गए। वहीं स्थानीय महिलाओं को बीड़ी बनाने से निकालकर ‘नेचर दीदी’ के रूप में हर्बल गुलाल और मसाला उद्योग से जोड़कर सम्मान दिलाया गया.
निर्भय प्रताप ने कहा कि जमुई में सरसों की खेती 1900 एकड़ से ज्यादा में होती है. “अगर स्थानीय स्तर पर ही सरसों का तेल बोतल बनकर ‘नेचर जमुई’ ब्रांड के रूप में देशभर में बिके, तो यह गर्व की बात होगी. यही हमारा प्रयास है और इससे हम पीछे नहीं हटेंगे,” उन्होंने कहा.उन्होंने जनता के समर्थन को अपनी ऊर्जा बताया और कहा कि राष्ट्रवाद और संस्कृति की रक्षा ही देश को मजबूत बना सकती है. “अगर हमारी सभ्यता धराशायी हुई तो देश बिखर जाएगा. लेकिन जब राष्ट्रवाद जीवित होता है तो संस्कृति और समाज दोनों मजबूत होते हैं,” उन्होंने कहा.गौरतलब है कि राष्ट्रीय गुणगान तिरंगा यात्रा 25 अगस्त को मांगो बंदर बाजार से शुरू हुई थी और अब तक 12 दिनों में दर्जनों गांवों में पहुंच चुकी है.