बिहार: शिक्षकों के लिए फरमान, ट्रांसफर नहीं लिया तो एक साल तक नहीं कर सकते आवेदन!

समस्तीपुर: बिहार में  सरकारी स्कूलों के शिक्षकों के लिए फरमान जारी हुआ है. इसके तहत अगर स्थानांतरण स्वीकार नहीं है तो शिक्षक अपने पुराने विद्यालय में ही बने रह सकते हैं। लेकिन, नए स्कूलों में योगदान नहीं देने वाले शिक्षक अगले एक साल तक ऐच्छिक स्थानांतरण के लिए आवेदन नहीं कर सकेंगे। प्राथमिक शिक्षा निदेशक साहिला ने शनिवार को इस बाबत आदेश जारी किया। गुरुवार को विभाग ने 26665 शिक्षकों का स्थानांतरण करते हुए स्कूल आवंटित किया था.

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विभाग के अनुसार स्थानांतरण आदेश के आलोक में योगदान करने/ नहीं करने की कार्रवाई 30 जून तक पूरी करनी होगी। 30 जून तक योगदान करने/ नहीं करने संबंधी घोषणा नहीं समर्पित करने वाले शिक्षकों का स्थानांतरण एक जुलाई से रद्द कर दिया जाएगा। वैसे शिक्षक जो स्थानांतरित विद्यालय में योगदान के इच्छुक नहीं हैं, वे ई-शिक्षाकोष पर उपलब्ध घोषणा पत्र की प्रति डाउनलोड कर हस्ताक्षर करेंगे। फिर इसे ई-शिक्षाकोष पोर्टल पर अपलोड करेंगे.

ऐसे शिक्षक अपने पूर्व पदस्थापन के विद्यालय में अगले आदेश तक बने रहेंगे। विभाग ने कहा है कि कोई भी शिक्षक ई-शिक्षाकोष से अपना स्थानांतरण आदेश डाउनलोड करेंगे.ई-शिक्षाकोष से ही योगदान प्रपत्र भी डाउनलोड कर उस पर हस्ताक्षर कर नए विद्यालय के प्रधानाध्यापक से प्रतिहस्ताक्षर कराना है. फिर इसे ई-शिक्षाकोष पर अपलोड करना होगा.
शिक्षा विभाग ने 34 हजार प्राथमिक शिक्षकों का तबादला किया है। जानकारी के अनुसार राज्य में कक्षा 1 से 5 तक के शिक्षकों द्वारा कुल 45,885 स्थानांतरण आवेदन प्राप्त हुए। इसमें स्थानांतरण का मुख्य कारण इच्छित स्थान से वर्तमान विद्यालय की दूरी को बताया गया.

इन आवेदनों में से 34,441 शिक्षकों का स्थानांतरण उनके जिले के भीतर या अन्य जिलों में कर दिया गया है। शेष आवेदनों पर वर्तमान विद्यालय या उनके द्वारा चयनित विद्यालयों में छात्र-शिक्षक अनुपात प्रतिकूल होने के कारण विचार में नहीं लिए जा सके.

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