गया : मोक्षभूमि गयाजी में 7 सितंबर से पितृपक्ष मेले की शुरुआत हो रही है. बिहार के डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी और विजय सिन्हा इस भव्य मेले का उद्घाटन करेंगे. 17 दिन तक चलने वाले इस महाकुंभ में देश-विदेश से 15 लाख से अधिक श्रद्धालुओं के जुटने की संभावना है. पितरों की आत्मा की शांति और मोक्ष की कामना के लिए हर साल यहां विशेष आयोजन होता है.
श्रद्धालुओं के लिए रहने और खानपान की पर्याप्त व्यवस्था की गई है. टेंट सिटी को 10 सुपर मार्केट से जोड़ा गया है, जहां से लोग अपनी जरूरत का सामान खरीद सकते हैं. इसके अलावा होटल, ढाबे और रेस्टोरेंट उपलब्ध रहेंगे.पंडा धर्मशालाओं में कई श्रद्धालु खुद पकवान बनाते हैं. वहीं, फ्री भोजन की भी व्यवस्था की गई है.पिंडदान की सुविधा के लिए 54 वेदी स्थलों पर वाटरप्रूफ पंडाल बनाए गए हैं. एक साथ 20 से 25 हजार श्रद्धालु यहां पिंडदान कर सकेंगे. हर घाट पर पानी, रोशनी, चिकित्सा और पुलिस की व्यवस्था रहेगी. विदेशी श्रद्धालुओं के लिए गाइड और अनुवादक की सुविधा उपलब्ध कराई गई है.गया पहुंचने के लिए रेल, सड़क और हवाई मार्ग की सुविधा है. गया एयरपोर्ट से रोज दिल्ली और कोलकाता के लिए दो-दो फ्लाइटें उपलब्ध हैं. वहीं, विभिन्न राज्यों से गयाजी के लिए सीधी ट्रेनें चल रही हैं. पटना से रोजाना छह पैसेंजर और एक्सप्रेस ट्रेनें मिलेंगी.
बस सेवा के जरिए भी श्रद्धालु गयाजी आ सकते हैं. झारखंड और बंगाल से निजी बसें चलती हैं, जबकि सरकार की बस सेवा झारखंड तक उपलब्ध है. कोलकाता, आसनसोल और सिलिगुड़ी से भी निजी बसें आती हैं. सड़क मार्ग से आने वाले श्रद्धालु एनएच-2 होकर डोभी या शेरघाटी से प्रवेश कर सकते हैं। यहां वाहन खड़े करने के लिए गया कॉलेज खेल परिसर निर्धारित किया गया है.