पूर्णिया : बिहार जल्द ही एक बड़े हवाई सफर के तोहफे का गवाह बनने वाला है. संभावना है कि 17 सितंबर को पूर्णिया एयरपोर्ट का उद्घाटन होगा. यह बिहार का चौथा वाणिज्यिक एयरपोर्ट होगा, जो पटना, दरभंगा और गया के बाद राज्य में हवाई सेवाओं को और सुदृढ़ करेगा. प्रशासनिक सूत्रों के अनुसार, इसी दिन से यहां से वाणिज्यिक उड़ानें शुरू हो सकती हैं.हालांकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कार्यक्रम को लेकर अभी आधिकारिक पुष्टि नहीं की गई है, लेकिन माना जा रहा है कि वे स्वयं इस एयरपोर्ट का उद्घाटन करेंगे और पहली उड़ान को हरी झंडी दिखाएंगे. आधिकारिक सूत्रों के मुताबिक, 30 अगस्त तक एयरपोर्ट का निर्माण कार्य पूरा कर लिया जाएगा और DGCA से मंजूरी भी मिल जाएगी. सितंबर की शुरुआत में हवाई मार्ग तय किए जाएंगे, जिसके बाद उद्घाटन की तारीख फाइनल होगी.
पूर्णिया एयरपोर्ट से वाणिज्यिक उड़ानें 13 साल बाद पुनः शुरू होंगी. 2012 में यहां से सीमित समय के लिए उड़ानें चली थीं, लेकिन बुनियादी सुविधाओं की कमी और कम यात्री मांग के कारण यह सेवा बंद हो गई थी. एयरपोर्ट का इतिहास भी खासा महत्वपूर्ण है—1963 में भारत-चीन युद्ध के बाद इसे भारतीय वायु सेना ने सैन्य बेस के रूप में स्थापित किया था और 1971 के भारत-पाक युद्ध में भी इसका सामरिक महत्व रहा.यह एयरपोर्ट सिलीगुड़ी कॉरिडोर के लिए लॉन्चिंग बेस के रूप में भी कार्य करता रहा है.वर्तमान में एयरपोर्ट तक पहुंचने के लिए सड़क निर्माण कार्य तेजी से जारी है. वनभाग से चुनापूर तक करीब 7 किलोमीटर सड़क का निर्माण ग्रामीण कार्य विभाग कर रहा है, जबकि जिला परिषद द्वारा अन्य मार्गों का विकास किया जा रहा है. इसके चलते भागलपुर, कटिहार, मधेपुरा, सहरसा और अररिया जैसे आसपास के जिलों के लोगों के लिए एयरपोर्ट तक पहुंचना आसान हो जाएगा.
पूर्णिया एयरपोर्ट के शुरू होने से न केवल स्थानीय स्तर पर हवाई यात्रा सुविधाजनक होगी, बल्कि यह आसपास के क्षेत्रों के आर्थिक और सामाजिक विकास में भी अहम भूमिका निभाएगा. यह परियोजना बिहार के कनेक्टिविटी इंफ्रास्ट्रक्चर को नई ऊंचाई पर ले जाने की दिशा में बड़ा कदम साबित होगी.