पाकिस्तान वाले बिहार वासी! 2 महिलाओं का बन गया वोटर कार्ड, 70 साल पहले आईं थी; तब से गई ही नहीं

बिहार के भागलपुर जिले से आए एक मामले ने सभी को चौंका दिया है जहां 1956 में पाकिस्तान से आई दो महिलाओं का वोटर आईडी कार्ड बन गया और SIR सत्यापन में भी उनका सत्यापन हो गया. अब डीएम के आदेश पर उनके नाम को वोटर लिस्ट से हटाने की प्रक्रिया चल रही है. दोनों महिला वृद्ध अवस्था में हैं, जिस वजह से वह बातचीत करने में सक्षम नहीं है. बिहार में मतदाता पुनरीक्षण अभियान के बीच कई मामले ऐसे सामने आए हैं, जिसने अधिकारियों को भी चौंकाया है. बड़ा सवाल यह है कि आखिरकार पाकिस्तान से आई महिलाओं का वोटर लिस्ट में नाम कैसे जुड़ गया था? यह मामला केंद्रीय गृह मंत्रालय की जांच में सामने आया.

जानकारी के मुताबिक, दोनों महिलाएं 1956 में वीजा पर भारत आई थीं. गृह मंत्रालय ने अवैध रूप से वीजा अवधि को ओवर स्टे कर रह रहे विदेशियों का पता लगाना शुरू किया है. इसी बीच भागलपुर में दो पाकिस्तानी नागरिकों के रहने की भी पुष्टि हुई है. भागलपुर के जिलाधिकारी और एसपी को जांच कर सत्यापन कर आवश्यक कार्रवाई समेत विस्तृत रिपोर्ट मांगी गई है. जिलाधिकारी ने दोनों के नाम मतदाता सूची से हटाने की प्रक्रिया शुरू कर दी है.

पाकिस्तानी महिलाओं के मिले वोटर कार्ड

दोनों महिलाएं इशाकचक थाना क्षेत्र के भीखनपुर गुमटी नंबर 3 टैंक लेन में रह रही हैं. इन दोनों महिलाओं के नाम पर वोटर कार्ड भी बन गए हैं. मामला सामने आने के बाद नाम काटने की प्रक्रिया जिला प्रशासन ने शुरू की है. मामले में इमराना खातून के बीएलओ फरजाना खातून को जिला प्रशासन का आदेश मिला है. इसके बाद नाम काटने की प्रक्रिया चल रही है. बीएलओ के मुताबिक, हमें विभाग से आदेश आया तो हमने सत्यापन किया. उनका पासपोर्ट और वीजा नंबर है, एपिक नंबर है. नाम काटने की प्रक्रिया हो रही है.

जांच में हुआ खुलासा

मामले में जब मीडिया कर्मी इमराना के घर पहुंचे तो लोगों ने दरवाजा भी नहीं खोला. कुछ बोलने से परहेज करते नजर आए. फिरदौसिया खातून के बेटे मोहम्मद गुलरेज ने बताया कि हमारे यहां कोई जांच के लिए नहीं आया है. बीएलओ पहले आया था, सब पेपर दिए हैं. 11 पेपर हमने दिया है, हर बार वोट देते हैं.

मामले में भागलपुर के डीएम डॉ. नवल किशोर चौधरी ने बताया कि एक इंफॉर्मेशन के हिसाब से दो लोगों का नाम लिस्ट में पाया गया था. जांच के उपरांत फार्म 7 भर कर हम लोग अवश्यकता अनुसार कार्रवाई करेंगे.

वीजा पर आई थीं भारत

गृह मंत्रालय की जांच में सामने आया कि टैंक लेन में इमराना खानम उर्फ इमराना खातून, पति इबतुल हसन और फिरदौसिया खानम पति मो. तफजील अहमद के नाम से मतदाता पहचान पत्र बनाया गया है. प्रशासन के पास दोनों का एपिक नंबर है. रिपोर्ट में पाया गया कि रंगपुर निवासी फिरदौसिया 19 जनवरी 1956 को 3 महीने के वीजा पर भारत आईं थी. वहीं इमराना 3 साल के वीजा पर आईं थी.

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