बिहार की राजधानी पटना में साइबर ठगी का अब तक का सबसे बड़ा मामला सामने आया है. साइबर ठगी की इतनी बड़ी घटना ने पुलिस की नींद तक उड़ा दी है. मामला बिहार राजधानी पटना के कदमकुआं थाना क्षेत्र का है. जहां पटना यूनिवर्सिटी की रिटायर्ड प्रोफेसर के साथ साइबर ठगो ने 3.08 करोड़ की ठगी की हैं.
बताया जाता है कि पटना यूनिवर्सिटी की 78 वर्षीय रिटायर्ड प्रोफेसर पटना के कदमकुआं में अकेली रहती हैं. साइबर ठगो ने रिटायर्ड महिला प्रोफेसर को फोन कर अपने आप को पहले CBI अफसर बताया और फिर मनी लॉन्ड्रिंग के झूठे केस में महिला प्रोफेसर को फसाया. साइबर ठगो ने अज्ञात नंबर से फोन कर रिटायर्ड महिला प्रोफेसर को खुद को CBI का अधिकारी बताते हुए कहा कि, आपके क्रेडिट कार्ड से मनी लॉन्ड्रिंग की जा रही है और हैदराबाद के नरेश गोयल केस में आपका नाम सामने आया है. सुप्रीम कोर्ट आपके पैसे की जांच करेंगी, आपके पास ब्लैक मनी होने का शक हैं. इतना ही नहीं एक अज्ञात युवक वारंट लेकर महिला प्रोफेसर के घर पहुंच गया, और लगातार घर के बाहर खड़ा हो कर महिला प्रोफेसर की निगरानी करने लगा. साइबर ठगो ने इसी तरह गिरफ्तारी का भय दिखा कर महिला प्रोफेसर को तीन दिनों तक हाउस अरेस्ट रखा. साइबर अपराधियो मकड़जाल में फंसकर रिटायर्ड महिला प्रोफेसर काफी सहम गई. साइबर ठगो ने पूछताछ के नाम पर रिटायर्ड महिला प्रोफेसर से उनके बैक अकाउंट अलग-अलग खातों की जानकारी ले ली, कभी सीबीआई अधिकारी बनकर बात करते तो, कभी पुलिस अधिकारी का ड्रेस पहनकर महिला प्रोफेसर से वीडियो कॉल करते. इस तरह साइबर अपराधियो ने महिला प्रोफेसर को अपने झांसे में लेकर उनके खातों से 3.08 करोड़ रुपए की ठगी कर ली.
वहीं ठगी का अहसास होने के बाद पीड़ित महिला प्रोफेसर आनन-फानन में पटना के साइबर थाना पहुंची, और घटना की जानकारी देते हुए मामला दर्ज कराया. इस मामले की जानकारी देते हुए साइबर थाने के DSP राघवेंद्र मणि त्रिपाठी ने कहा कि पीड़ित महिला के द्वारा शनिवार को ठगी का आवेदन प्राप्त हुआ है, इस मामले में FIR दर्ज कर कारवाई की जा रही हैं.