सुपौल: 7 अप्रैल से जिले के सभी स्तर के विद्यालयों का संचालन प्रातः कालीन सत्र में किया जा रहा है. बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा मिले इसके लिए विभाग ने विद्यालय निरीक्षण की दिशा में ठोस कदम उठाए हैं. इसके लिए विद्यालय संचालन अवधि में निरीक्षी पदाधिकारी नामित किये जाने के साथ साथ निरीक्षण अवधि भी निर्धारित कर दिया है.
निरीक्षण को लेकर प्राधिकृत पदाधिकारी प्रतिदिन सुबह 6:30 से 11 बजे तक क्षेत्र भ्रमण कर विद्यालय का निरीक्षण करेंगे तथा 11 बजे के बाद अपने-अपने कार्यालय के कार्यों का निष्पादन करेंगे. इसको लेकर जारी पत्र में शिक्षा विभाग के सचिव अजय यादव ने कहा है कि, सरकारी विद्यालयों में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा उपलब्ध कराने के उद्देश्य से विद्यालय निरीक्षण को लेकर जिला शिक्षा पदाधिकारी, जिला कार्यक्रम पदाधिकारी, कार्यक्रम पदाधिकारी, प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी, अपर जिला कार्यक्रम समन्वयक, सहायक कार्यक्रम पदाधिकारी को नामित किया गया है. नामित ये सभी पदाधिकारी सुबह 6:30 से 11 बजे तक क्षेत्र भ्रमण कर विद्यालय का गहन निरीक्षण करेंगे तथा निरीक्षण प्रतिवेदन प्रत्येक दिन ई-शिक्षा कोष पर अपलोड करेंगे. निरीक्षण उपरांत 11 बजे के बाद अपने-अपने कार्यालय के कार्यों का निष्पादन करेंगे. कमांड एंड कंट्रोल के प्रभारी पदाधिकारी प्रतिदिन अपराह्न में निरीक्षण करने वाले पदाधिकारी से विद्यालय निरीक्षण की सूचना दूरभाष से प्राप्त कर अपर मुख्य सचिव को अवगत कराएंगे. निरीक्षण के क्रम में सभी पदाधिकारी विद्यालय में बच्चों की उपस्थिति, शिक्षकों की उपस्थिति, बच्चों का नामांकन, मध्याह्न भोजन की स्थिति तथा विद्यालय परिसर में क्रियान्वित की जा रही गतिविधियों का अवलोकन करेंगे. हालांकि इससे पूर्व विभाग ने पदाधिकारी द्वारा निरीक्षण हेतु विद्यालयों की सूची अपर मुख्य सचिव के कार्यालय से प्रेषित किए जाने की बात कही थी.
फिलहाल इस आदेश को स्थगित रखा गया है. मतलब नामित पदाधिकारी फिलहाल अपने स्तर से प्रतिदिन किसी न किसी विद्यालय का निरीक्षण करेंगे और निरीक्षण प्रतिवेदन से उसी दिन विभाग को अवगत कराएंगे. फिलहाल विभाग के इस कड़ाई के बाद विद्यालयों में होने वाले पठन-पाठन की स्थिति में सुधार के आसार बढ़ गए हैं.