बिहार SIR: कब सार्वजनिक होगा 65 लाख लोगों का नाम? EC बोला- SC के निर्देशों का पालन करेंगे

बिहार विधानसभा चुनावों से पहले स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन यानी SIR को लेकर मचा बवाल थमने का नाम नहीं ले रहा है. विपक्ष की तरफ से सरकार और चुनाव आयोग पर कई गंभीर आरोप लगाए हैं. सुप्रीम कोर्ट ने पिछले दिनों सुनवाई करते हुए SIR में काटे गए 65 लाख नामों को सार्वजनिक करने का आदेश दिया था. अब इसको लेकर सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि ये काम तय समय में किया जाना चाहिए. अब इस पूरे मामले पर चुनाव आयोग का जवाब सामने आया है.

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि आम नागरिकों को और अधिक सुविधा प्रदान करने के मद्देनजर आयोग सुप्रीम कोर्ट के सुझावों से सहमत है. चुनाव आयोग ने कहा कि वे सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों का तय समय में पालन करेंगे.

कब सार्वजनिक होंगे नाम?

चुनाव आयोग ने अपने जवाब में कहा कि जल्द ही काटे गए लोगों के नाम जल्द ही सार्वजनिक किए जाएंगे. सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद चुनाव आयोग ने कहा कि 20 जुलाई से सभी राजनीतिक दलों को बीएलओ द्वारा दी गई मृत, दो स्थानों पर रह रहे और स्थायी रूप से स्थानांतरित मतदाताओं की सूची के अलावा, सूची में शामिल न किए गए मतदाताओं की सूची कारण सहित ड्राफ्ट रोल में डाली जाएगी, जिसे जिला निर्वाचन अधिकारियों और मुख्य निर्वाचन अधिकारी की वेबसाइट पर बूथवार ईपीआईसी संख्या से खोजा जा सकेगा.

नाम जुड़वाने के लिए देना होगा आधार

ड्राफ्ट सूची से बाहर आवेदक आधार की एक प्रति के साथ दावा दायर कर सकते हैं. यहां आवेदक केवल वे लोग हो सकते हैं जो ड्राफ्ट सूची (65 लाख) में नहीं हैं और वे केवल वही दावा दायर कर सकते हैं जो नियमों के अनुसार फॉर्म 6 में होना चाहिए. इसके साथ ही फॉर्म 6 में पहले से ही आधार शामिल है.

65 लाख से ज्यादा लोगों के कटे थे नाम

बिहार में स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन यानी SIR में 65 लाख से ज्यादा लोगों के नाम काटे गए थे. इन नामों की कटौती को लेकर चुनाव आयोग की तरफ से कहा गया कि जो जिन लोगों का नाम कटा है उनकी या तो मौत हो चुकी है. या फिर वे लोग किसी दूसरी जगह पर रहने लगे हैं. इसके साथ ही कई लोग ऐसे भी थे जिनका नाम दो जगहों पर था. इसी वजह से नाम काटा गया था. नाम काटे जाने को लेकर विपक्ष की तरफ से जमकर हंगामा किया गया था. इसी हंगामे के बाद सुप्रीम कोर्ट ने नाम सार्वजनिक करने का फैसला सुनाया था.

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