औरंगाबाद: अभियंत्रण के एक तृतीय वर्ष के छात्र की औरंगाबाद के अम्बा थाना क्षेत्र के बभंडी एवं चिल्हकी गांव के बीच से अपहरण किए जाने का एक मामला प्रकाश में आया है. उक्त अपहरण हुए छात्र को डायल 112 वाहन के पुलिसकर्मियों ने नबीनगर के मांझियांवा गांव से गुरुवार की सुबह बरामद किया और उसकी हालत को गंभीर देखते हुए इलाज के लिए रेफरल हॉस्पिटल नबीनगर में भर्ती कराया. जहां से चिकित्सकों ने बेहतर इलाज के लिए सदर अस्पताल भेजा है.
सदर अस्पताल में सुबह 9 बजे इलाज कराने पहुंचे अपहृत ने बताया कि उसका नाम ऋतुराज पाल है और वह टंडवा थाना क्षेत्र के कर्मा लहंग के डुमराही निवासी उदय पाल का पुत्र है. उसके पिता पोर्ट ब्लेयर के एक सीमेंट फैक्ट्री में काम करते है.उसने बताया कि वह अभियंत्रण तृतीय वर्ष का छात्र है और 27 सितंबर को गया जी के पंत नगर स्थित रिमू इंस्टीट्यूट ऑफ पॉलिटेक्निक कॉलेज में रजिस्ट्रेशन कराने गया हुआ था और रात्रि में ही गांव लौट आया था.
28 की सुबह अपने गांव से अम्बा आ रहा था।लेकिन बाद में वोमिटिंग होने के कारण बभंडी और चिल्हकी गांव के समीप ही उतर गया. इसी दौरान उसने सोचा कि औरंगाबाद आकर एक मोबाइल खरीद लूं और जेल में बंद अपने भाई से भी मिल लू. लेकिन उसी वक्त उसके पास एक स्कॉर्पियो आकर रुकी. जिसमें चार लोग सवार थे. उसमें से एक ने मेरा नाम लेते हुए हाल समाचार के साथ साथ जेल में बंद छोटे भाई के बारे में जानकारी लेते हुए मुझे गाड़ी में बिठा लिया.थोड़ी देर बाद पीछे बैठे एक व्यक्ति ने मुझे कुछ सुंघा दिया।फिर उसके बाद उसे कोई होश नहीं रहा. जब होश में आया तो देखा कि उसे एक ऐसे कमरे में बंद किया गया है जहां मवेशियों का चारा रखा हुआ था. इस दौरान पूरा शरीर दर्द कर रहा था. उसी वक्त जिनलोगो ने मुझे उठाया था वहीं लोग पहुंचे और मेरे ही मोबाइल से मेरा पिता को फोन कर पांच लाख रुपए फिरौती की मांग की और पुनः मुझे पीटा.
इसी दौरान एक बार फिर उसे कुछ सुंघा दिया गया जिससे वह बेहोश हो गया. जब होश में आया तो खुद को एक जगह फेंका पाया गया. स्थानीय लोगों ने डायल 112 को बुलाया और टंडवा पुलिस ने मुझे इलाज के लिए सदर अस्पताल लाया. फिलहाल इस मामले को गंभीरता से लेते हुए टंडवा पुलिस जांच में जुट गई है.