पटना : नगर निगम ने इस बार प्रतिमा विसर्जन के लिए सुरक्षा और पर्यावरण प्रबंधन को लेकर कड़े कदम उठाए हैं. डीएम डॉ. त्यागराजन एसएम ने बताया कि प्रतिमा विसर्जन के दौरान सभी कृत्रिम तालाबों व घाटों पर तीन पालियों में मजिस्ट्रेट और पुलिस अधिकारियों की तैनाती की जाएगी. इसके साथ ही आपदा प्रबंधन टीम की ओर से नाव, नाविक, गोताखोर और SDRF की टीम हर घाट पर मौजूद रहेगी, ताकि किसी भी अप्रत्याशित घटना से तुरंत निपटा जा सके.
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के दिशा-निर्देशों और ठोस अपशिष्ट प्रबंधन नियमावली के अनुसार, विसर्जन से पहले सभी जैव विघटनीय सामग्रियों को अलग से एकत्र किया जाएगा. जल प्रदूषण निवारण एवं नियंत्रण अधिनियम के तहत किसी भी प्रवाहित जल में प्रतिमा विसर्जन पूरी तरह से प्रतिबंधित है. इसे सुनिश्चित करने के लिए नगर निगम ने गंगा घाटों के पास 10 कृत्रिम तालाब बनाए हैं, ताकि विसर्जन सुरक्षित और पर्यावरण के अनुकूल तरीके से किया जा सके.
नगर निगम ने इसके अलावा शहर के अन्य क्षेत्रों में भी प्रतिमा विसर्जन के लिए कृत्रिम घाट तैयार किए हैं. पुलिस प्रशासन ने स्पष्ट किया कि बिना लाइसेंस कोई भी मूर्ति विसर्जन या जुलूस आयोजित नहीं कर सकता. सभी पूजा पंडालों को संबंधित थाना से लाइसेंस लेना अनिवार्य होगा. साथ ही, सभी जुलूस की वीडियोग्राफी भी की जाएगी, ताकि किसी भी अनुचित गतिविधि को रिकॉर्ड किया जा सके.इस तरह पटना प्रशासन ने प्रतिमा विसर्जन को सुरक्षित, व्यवस्थित और पर्यावरण-संवेदनशील बनाने के लिए हर संभव प्रबंध किए हैं.