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बिहार: तिरंगे झंडे के साथ छेड़छाड़, अशोक चक्र की जगह चांद-तारा वाला झंडा लहराया… 2 गिरफ्तार

सारण जिले में Eid-e-Milad-un-Nabi पर निकले जुलूस के दौरान अशोक चक्र की जगह चांद-तारा वाला तिरंगा झंडा लहराया गया. इसका वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है. वीडियो वायरल होने पर मामले में सारण के पुलिस अधीक्षक डॉ कुमार आशीष ने संज्ञान लिया है. फिलहाल, मामले में दो लोगों को गिरफ्तार किया गया है…

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बिहार: सारण जिले में Eid-e-Milad-un-Nabi पर निकले जुलूस के दौरान देश की शान तिरंगा झंडा के साथ छेड़छाड़ करने का मामला सामने आया है. जुलूस में एक पिकअप पर अशोक चक्र की जगह चांद-तारा वाला तिरंगा झंडा लहराया गया. इसका वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है. वीडियो वायरल होने पर मामले में सारण के पुलिस अधीक्षक डॉ कुमार आशीष ने संज्ञान लिया है.

पुलिस अधीक्षक के निर्देश के बाद कोपा थाने में भारतीय ध्वज अधिनियम 2002 और अन्य अपराधिक धाराओं के तहत मामला दर्ज कर इसमें शामिल लोगों की पहचान की गई. इस कार्रवाई के क्रम में जिस पिकअप वाहन पर कथित छेड़छाड़ कर तिरंगा झंडा लहराया जा रहा था, उसे पुलिस ने जब्त कर लिया है. साथ ही साथ दो व्यक्तियों को भी गिरफ्तार कर पूछताछ कर रही है.

जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग

वहीं, तिरंगे के साथ छेड़छाड़ की घटना पर स्थानीय ग्रामीणों ने आक्रोश जाहिर की. साथ ही थाने पर जाकर जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई के लिए धरना दिया. लोगों ने इसे देश की अस्मिता के साथ खिलवाड़ बताते हुए तिरंगा झंडा के साथ खिलवाड़ करने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की है. इसके बाद पुलिस उपाधीक्षक और जलालपुर के अंचलाधिकारी ने थाने पहुंचकर जांच पड़ताल की.

मामले में SP ने कही ये बात

पुलिस अधीक्षक डॉ कुमार आशीष ने बताया कि इस मामले में झंडा अधिनियम 1971 और 2002 के प्रावधानों और BNS की धारा 153 के तहत केस दर्ज कर दो व्यक्तियों की गिरफ्तारी की गई है. जिस झंडे को लहराया जा रहा था, उसे जब्त कर लिया गया है. दोनों गिरफ्तार व्यक्तियों ने पूछताछ में बताया कि उन लोगों को किसी तीसरे व्यक्ति ने इस झंडे को उपलब्ध कराया था.

 

उसकी गिरफ्तारी के लिए पुलिस प्रयास कर रही है. इसके पीछे क्या मंशा थी इसकी भी जानकारी की जा रही है. इस जुलूस के लाइसेंस की भी जांच की जा रही है. साथ ही साथ जो भी लाइसेंसी जुलूस है उनसे भी पूछताछ की जा रही है कि किन परिस्थितियों में इस झंडे को लहराया गया और उन लोगों के द्वारा इसपर कोई कार्रवाई क्यों नहीं की गई.

 

 

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