परिजनों के अनुसार किशुन महतो दोपहर में अपनी भैंसों को चराने के लिए अन्य चरवाहों के साथ पंडयी नदी किनारे गए थे. शाम करीब 5 बजे जब वे पशुओं को लेकर घर लौट रहे थे, तभी झाड़ियों में छिपे बाघ ने अचानक उन पर हमला कर दिया। बाघ उन्हें पकड़कर घसीटते हुए जंगल की ओर ले गया. घटना से मौके पर मौजूद अन्य चरवाहों में अफरा-तफरी मच गई और उन्होंने तुरंत गांव में सूचना दी. खबर फैलते ही कैरी, खेखरिया, महायोगीन, बलबल, सोफा और विशुनपुरवा समेत आसपास के गांवों में भय का वातावरण बन गया. ग्रामीणों को आशंका है कि बाघ फिर से गांव की ओर लौट सकता है. इसी वजह से लोग रातभर रतजगा कर रहे हैं और चौकसी बनाए हुए हैं.
सहोदरा थानाध्यक्ष राकेश कुमार ने बताया कि शव को बरामद कर लिया गया है. परिजनों के आवेदन के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी। वहीं, वन संरक्षण सह निदेशक डॉ. नेशामनी ने कहा कि घटना की सूचना गांव के मुखिया ने दी थी. विभाग के अधिकारी मौके पर पहुंचकर जांच कर रहे हैं. यह घटना एक बार फिर टाइगर रिजर्व से सटे गांवों में मानव-वन्यजीव संघर्ष की गंभीरता को सामने लाती है.