भागलपुर: जिले में गंगा और कोसी नदी के जलस्तर में अचानक आई तेजी ने बाढ़ की स्थिति को चिंताजनक बना दिया है. 5 अगस्त को गंगा नदी कहलगांव में खतरे के निशान (31.09 मीटर) से 39 सेंटीमीटर ऊपर बह रही है. नवगछिया में यह 36 सेंटीमीटर ऊपर और भागलपुर शहर में 0.93 मीटर नीचे दर्ज की गई है.सबौर प्रखंड के ममलखा स्थित मध्य विद्यालय में पानी घुसने से पढ़ाई ठप हो गई है. राजपुर मुरहन-शिवायडीह और लैलख-बैजलपुर सड़कों पर करीब 2 फीट पानी जमा होने से यातायात पूरी तरह बंद है. नवगछिया में कोसी नदी का पानी आबादी वाले इलाकों में घुस गया है, जिससे तटबंधों पर दबाव बढ़ गया है.
कृषि को भारी नुकसान, फसलें जलमग्न
पीरपैंती और अकबरनगर के दियारा क्षेत्रों में धान, मक्का और अरहर की फसलें डूब गई हैं. गोराडीह में चांदन नदी के बांध के टूटने से कई गांव पानी में डूब गए हैं, जिससे सबौर-जमसी सड़क पर यातायात बंद है. नवगछिया में स्पर संख्या-9 का करीब 25-30 मीटर हिस्सा ध्वस्त हो गया है.इसे 8000 बालू की बोरियों से भरकर दुरुस्त करने की कोशिश चल रही है.कहलगांव में गंगा का पानी भालेसर पंचायत के आमापुर गांव तक पहुंच चुका है.उत्क्रमित मध्य विद्यालय त्रिमुहान का मैदान जलमग्न हो गया है. कहलगांव-चायटोला सड़क पर पानी चढ़ने से रास्ता बंद है. ममलखा पंचायत में गांवों के अस्तित्व पर संकट मंडरा रहा है, जिससे लोग सुरक्षित स्थानों की ओर पलायन कर रहे हैं.
जल संसाधन विभाग ने ब्रह्मोत्तर बांध की मरम्मत पूरी कर ली है.स्पर 8 और 9 पर गुलर के पेड़ और हाथी पांव लगाने के निर्देश दिए गए हैं. नेपाल और उत्तर बिहार में भारी वर्षा के चलते गंगा और कोसी नदियों का प्रवाह लगातार बढ़ रहा है.आपदा प्रबंधन विभाग ने सभी अंचलों को हाई अलर्ट पर रखा है. गंगा और कोसी नदी के जलस्तर में मंगलवार को और वृद्धि की आशंका जताई गई है. विभाग ने हेल्पलाइन नंबर (0612-2292024) जारी किया है और राहत शिविरों की स्थापना की गई है. लोगों से नदियों के किनारे न जाने और बच्चों को जलधारा से दूर रखने की अपील की गई है.