बिहार : जब इलाज से नहीं हुआ फायदा तो सदर अस्पताल परिसर में ही मरीज का होने लगा झाड़ फूंक

औरंगाबाद: भले ही बिहार सरकार स्वास्थ्य सुविधाओं का दंभ क्यों न भर ले लेकिन आज भी अंध विश्वास की जड़े बेहद ही गहरी है और लोग चिकित्सा विज्ञान को धत्ता बताकर झाड़ फूंक की पद्धति अपना लेते हैं. औरंगाबाद सदर अस्पताल के इमरजेंसी वार्ड में ऐसा ही नजारा दिखा और इसका वीडियो भी बुधवार की रात से तेजी से वायरल हो रहा है.वायरल वीडियो में स्पष्ट दिख रहा है कि झाड़ फूंक करने वाला व्यक्ति एक मरीज के सिर पर अपना हाथ रखकर मंत्र पढ़ रहा है और मरीज के परिजन झाड़ फूंक करने वाले व्यक्ति के द्वारा की जा रही प्रक्रिया से संतुष्ट नजर आ रहे है.इतना ही नहीं झाड़ फूंक करने वाला भी पूरे गर्व से इस बात को स्वीकार करता है कि उसके द्वारा किसी भी मरीज को इस विधि से चंगा किया जाता है.

सदर अस्पताल से रेफर किए गए मरीज की पहचान हरिहरगंज के मंसूरिया गांव निवासी भोला सिंह के रूप में की गई. परिजनों ने बताया कि भोला सिंह की गतिविधियां कुछ दिन से परेशान कर रही थी. क्योंकि उनके शरीर में रह रहकर कंपन हो रहा था और सामने वाले किसी व्यक्ति को न सिर्फ दांत काट देते थे बल्कि कुछ भी सामने मिला उसे अपने मुंह में डाल लेते थे। उनके मोह से रह रहकर जाग आने लगते थे. उनकी इस बीमारी से घर वाले बेहद चिंतित हो गए थे.

उन्हें इलाज के लिए हरिहरगंज अस्पताल ले गए जहां से सदर अस्पताल रेफर किया गया. सदर अस्पताल लाने के बाद भरती कर चिकित्सकों ने उनका इलाज भी शुरू किया। मगर कोई फायदा नहीं हुआ. जिसके कारण उन्हें यहां से भी रेफर कर दिया गया. ऐसी परिस्थिति में परिजन बेहतर इलाज के लिए एंबुलेंस से किसी अस्पताल में ले जाने से पहले अपने जान पहचान के एक ओझा गुणी सत्यनारायण साहू को बुलाया और उनके द्वारा सदर अस्पताल के इमरजेंसी वार्ड के समीप ही भोला सिंह का झाड़ फूंक शुरू कर दिया गया. सवाल यह उठता है कि सदर अस्पताल परिसर में यह खेल एक घंटे तक चलता रहा लेकिन न तो इसकी भनक अस्पताल प्रबंधन को हुई और न ही वहां सुरक्षा में तैनात सुरक्षाकर्मियों को हो सकी. हालांकि झाड़ फूंक के बाद परिजनों ने बताया कि मरीज भोला सिंह को काफी राहत मिली है.

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