बिहार के भागलपुर के चमक लाल अब इस दुनिया में नहीं हैं. लेकिन उनके शरीर ने 6 लोगों को नया जीवन दिया है. गुजरात में एक हादसे के दौरान चमक लाल को गंभीर चोटें आई थीं, जिसके बाद डॉक्टरों ने उन्हें ब्रेन डेड बता दिया था. अब अंग दान कर उन्होंने छह लोगों की ज़िंदगी में खोई हुई खुशियां लौटा दी हैं.
किसी को किडनी की जरूरत थी तो किसी को लीवर की, वहीं किन्हीं को अपने आंखों की रोशनी लौटने का इंतजार था. चमन लाल ने सभी की तमन्ना पूरी की, इस एक देहदान से 6 लोगों की ज़िंदगी बदल गई और इंसानियत की बेहतर मिशाल भी पेश हुई है.
बिहार के भागलपुर के रहने वाले थे चमक लाल
दरअसल, बिहार के भागलपुर जिले के शिवनारायणपुर के बभंगामा कलीगंज निवासी चमक लाल गुजरात में क्रेन चालक की नौकरी करते थे. 28 मार्च की रात को चमक क्रेन से गिरकर बुरी तरह घायल हो गए थे. इसके बाद उन्हें सूरत में भर्ती कराया गया, जहां डॉक्टर ने उन्हें एक अप्रैल को ब्रेन डेड घोषित कर दिया था.
किडनी, लीवर व दोनों आंखें दान कर दी गईं
चमक लाल की दोनों किडनी, लीवर व दोनों आंखें दान कर दी गईं. इस देहदान की प्रक्रिया में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले डोनेट लाइफ के फाउंडर दिनेश मंडलेवाला ने बताया कि चमक के बारे में जानकारी मिलने पर संस्था के प्रतिनिधि अस्पताल पहुंचे, जहां उनके परिजन से अंगदान को लेकर बातचीत की गई. परिजन ने फैसला लेने में थोड़ा वक्त जरूर लिया, लेकिन 2 अप्रैल को उन्होंने सहमति जता दी. इसके बाद ग्रीन कॉरिडोर बनाकर बॉडी को 2 घंटे में सूरत से अहमदाबाद लाया गया, जहां किडनी, लिवर व आंखें दान करवाई गई.
चमक लाल के तीन बेटे हैं जो भागलपुर में ही रहकर पढ़ाई कर रहे हैं. बड़े बेटे नीतीश टीएनबी कॉलेज में बीए फर्स्ट ईयर के छात्र हैं, वहीं मंझला बीटा संजीव 10वीं व छोटा जयकांत नौवीं कक्षा में पढ़ाई कर रहा है. संस्था के द्वारा यह निर्णय लिया गया है कि वो चमक लाल के बेटों की पढ़ाई में मदद करेगी, व उन्हें आर्थिक मदद भी करेगी. चमक लाल के परिजनों द्वारा अंगदान करने का फैसला देश भर के लोगों के लिए मिसाल बन गया.