बीकानेर: जोधपुर से जम्मू जा रही एक्सप्रेस ट्रेन के दो डिब्बों में उठा धुआं, यात्रियों में अफरा-तफरी…कोच में लगे अग्निशमन यंत्रों से आग पर पाया काबू

बीकानेर: जोधपुर से जम्मू जा रही एक्सप्रेस ट्रेन के दो डिब्बों में बुधवार दोपहर अचानक धुआं उठने से यात्रियों में अफरा-तफरी मच गई.  बीकानेर के नोखा आउटर सिग्नल पर ट्रेन रोककर अग्निशमन यंत्रों से आग पर काबू पाया गया.

ट्रेन को नोखा रेलवे स्टेशन पर लाने के बाद तकनीकी खामी को दुरुस्त किया गया. इस दौरान ट्रेन करीब 30 मिनट तक रुकी रही. इसके बाद ट्रेन को सुरक्षित रवाना किया गया.  प्राथमिक जांच में शॉर्ट सर्किट और लेदर बाइंडिंग में तकनीकी खराबी के कारण धुआं निकलना बताया गया.

जानकारी के अनुसार, जोधपुर से जम्मू जा रही एक्सप्रेस ट्रेन में अचानक धुआं उठने से यात्रियों में हड़कंप मच गया. सूचना मिलने पर बुधवार सुबह 11:10 बजे पायलट ने नोखा रेलवे स्टेशन से एक किलोमीटर पहले आउटर सिग्नल पर ट्रेन को तुरंत रोक दिया. करीब 15 मिनट में डिब्बों में लगे अग्निशमन यंत्रों की मदद से स्थिति पर काबू पा लिया गया.  इसके बाद ट्रेन को सुरक्षित रूप से नोखा रेलवे स्टेशन लाया गया.

नोखा रेलवे स्टेशन पर इंजीनियरिंग कर्मचारियों ने लगभग 15 मिनट में तकनीकी खामी की मरम्मत की. प्राथमिक जांच में शॉर्ट सर्किट और लेदर बाइंडिंग में तकनीकी खराबी को आग लगने का कारण बताया गया.  इस दौरान करीब 30 मिनट तक ट्रेन खड़ी रही.  इसके बाद सुबह 11:42 बजे ट्रेन को सुरक्षित रूप से जम्मू की ओर रवाना कर दिया गया.

अचानक गाड़ी से धुआं उठने लगा. जैसे ही कर्मचारियों की नजर पड़ी तो गाड़ी को तुरंत रुकवाया गया. इसके बाद PWI अशोक, माधवराम, सवाई मानसिंह, रामचरण, प्रवीण और रामलाल मीणा ने सतर्कता दिखाते हुए बचाव कार्य किया. जांच में पता चला कि ब्रेक जाम हो गए थे.

गाड़ी संख्या 14803, जो भगत की कोठी से चलकर जम्मू तवी जाती है. नागौर के चीलों स्टेशन से निकलने के बाद चीलों स्टेशन मास्टर ने फोन पर सूचना दी कि गाड़ी से हल्की स्मेल आ रही है. नोखा रेलवे स्टेशन के पास गाड़ी के पहुंचने से पहले गैंगमैन ने गाड़ी से धुआं निकलने की जानकारी दी. सूचना पर लोको पायलट ने तुरंत ट्रेन को नोखा रेलवे स्टेशन से पहले रोककर चेक करवाया.

इसके बाद ब्रेक को रिलीज कर गाड़ी को नोखा रेलवे स्टेशन के यार्ड में लाकर दोबारा जांच की गई. फिर गाड़ी को रवाना कर दिया गया.  यात्रियों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए गाड़ी को करीब 15 मिनट तक यार्ड में रोककर जांच करना आवश्यक था.

Advertisements
Advertisement