छत्तीसगढ़ के बिलासपुर में रेलवे के काम में सुरक्षा में लापरवाही का आरोप लगाते हुए करंट से झुलसे युवक के परिजनों ने DRM ऑफिस का घेराव किया। इस दौरान उन्होंने दोषियों पर कार्रवाई करने के साथ ही गंभीर रूप से घायल युवक के परिवार को इलाज के साथ मुआवजा देने की मांग की। मंगलवार को छुट्टी के चलते DRM के नहीं मिलने से नाराज परिजन कोचिंग डिपो में धरने पर बैठ गए।
दरअसल, 23 अगस्त को वंदे भारत ट्रेन के एक्स्ट्रा कोच का एसी सुधारते समय जांजगीर-चांपा जिले के मुलमुला निवासी प्रताप बर्मन OHE तार की करंट की चपेट में आ गया और बुरी तरह झुलस गया। उसकी हालत गंभीर बनी हुई है। परिजन का आरोप है कि बिजली सप्लाई बंद किए बगैर ही प्रताप को कोच के ऊपर चढ़ा दिया गया था, जिसके चलते वो OHE तार में प्रवाहित हाई वोल्टेज करंट की चपेट में आ गया।
परिजन बोले- न तो रेलवे करा रहा इलाज, ठेकेदार ने भी खड़े किए हाथ
मंगलवार को प्रताप बर्मन के परिजन बड़ी संख्या में समाज के लोगों के साथ DRM ऑफिस का घेराव करने पहुंचे। परिजन का आरोप है कि इस हादसे के बाद प्रताप की हालत गंभीर है, जिसका इलाज अपोलो अस्पताल में चल रहा है।
रेलवे प्रबंधन ने उसे विभाग के कर्मचारी नहीं होने के कारण इलाज का खर्च देने से मना कर दिया है। वहीं, ठेका कंपनी के ठेकेदार ने भी हाथ खड़े कर दिए हैं। ऐसे में परिजन को अपने खर्च से उसका इलाज कराना पड़ रहा है।
सुरक्षा में लापरवाही, दोषी अफसर और ठेकेदार पर हो कार्रवाई
परिजनों का आरोप है कि रेलवे कोचिंग डिपो में OHE पर काम करते समय करंट सप्लाई रोकने के लिए जैमर बंद किया जाता है, जिसके बाद ही मजदूरों को कोच के ऊपर एसी सुधारने के लिए चढ़ाया जाता है। सेक्शन इंचार्ज मीणा ने जैमर बंद कर करंट सप्लाई बंद करने की जानकारी दी थी।
उनके भरोसे में आकर प्रताप कोच के ऊपर चढ़ा। लेकिन, जैसे ही उसने काम शुरू किया, उसे जोरदार करंट लगा और ब्लास्ट होने के बाद बेहोश होकर कोच के ऊपर तड़पता रहा। परिजन का आरोप है कि रेलवे में इलेक्ट्रिक के काम में सुरक्षा में लापरवाही बरती गई है, जिसके दोषी अधिकारी और ठेकेदार पर कार्रवाई होनी चाहिए।
इलाज का खर्च और मुआवजा देने की मांग
परिजनों ने कहा कि हादसा होने के बाद प्रताप जिंदगी और मौत से जूझ रहा है। लेकिन, अब तक न तो काम कराने वाली ठेका कंपनी का ठेकेदार उसकी सुध ले रहा है और न ही रेलवे प्रशासन कोई ध्यान दे रहा है। उसके इलाज के लिए ठेका कंपनी पैसे भी नहीं दे रहा है।
नाराज परिजन और समाज के लोगों का कहना है कि वो रेलवे के डीआरएम से मिलकर अपनी मांग रखने आए हैं। उनकी मांग है कि रेलवे प्रशासन प्रताप के इलाज का पूरा खर्च उठाए। उसके ठीक होते तक परिवार का जीवन गुजारा करने के लिए वेतन दिया जाए। साथ ही ठीक होने के बाद प्रताप को नौकरी दी जाए।
पुलिस ने एफआईआर दर्ज कर शुरू की जांच
इधर, घायल ठेकाकर्मी प्रताप के सहयोगी की तरफ से सिरगिट्टी थाने में शिकायत दर्ज कराई गई है, जिस पर पुलिस ने सुरक्षा इंचार्ज मीणा (सीनियर सेक्शन इंचार्ज) सहित अन्य के खिलाफ केस दर्ज कर लिया है।
टीआई किशोर केंवट ने बताया कि मामले में एफआईआर दर्ज कर जांच की जा रही है। जांच के दौरान कर्मचारियों के साथ ही अधिकारियों का बयान दर्ज किया जाएगा। जिसके आधार पर कार्रवाई की जाएगी।
रेलवे ने जांच के लिए बनाई पांच सदस्यीय कमेटी
दूसरी तरफ रेलवे ने इस हादसे की जांच के लिए पांच सदस्यीय कमेटी बनाई है। इस कमेटी ने जांच भी शुरू कर दी है। इस दौरान कमेटी के सदस्यों ने कोचिंग डिपो में अधिकारियों और कर्मचारियों से पूछताछ कर उनका बयान दर्ज किया है। कमेटी की रिपोर्ट डीआरएम को सौंपी जाएगी, जिसके बाद जिम्मेदारी तय कर कार्रवाई की जाएगी।
हादसे का लाइव वीडियो आया था सामने
शनिवार को हुए इस हादसे का लाइव वीडियो भी सामने आया था, जिसमें युवक कोच के ऊपर काम करने के लिए चढ़ा दिख रहा है। इस दौरान युवक जैसे ही OHE तार के संपर्क में आया, इसके बाद जोरदार ब्लास्ट होते दिखा, जिससे युवक बुरी तरह से जलते नजर आ रहा है। वीडियो में गंभीर रूप से खून से लथपथ घायल युवक बेहोश होने के बाद कोच के ऊपर काफी देर तड़पते दिख रहा है।
रेलवे में पहले भी हो चुके ऐसे हादसे
करीब 13 महीने पहले 9 जुलाई 2024 को बीसीएन यार्ड में भी इसी तरह का हादसा हुआ था। जिसमें करंट लगने से 19 साल के अप्रेंटिसशिप करने वाले प्रसाद गजानंद काले की मौत हो गई थी। इस हादसे के बाद कर्मचारियों ने विरोध प्रदर्शन किया था। तब रेलवे ने परिवार को मुआवजा और नौकरी देने का आश्वासन दिया था, लेकिन कुछ दिनों बाद मामले को दबा दिया गया।