छत्तीसगढ़ के बिलासपुर एयरपोर्ट पर नाइट लैंडिंग सुविधा 9 महीने में शुरू होने का दावा किया जा रहा है। नाइट लैंडिंग मशीन या ‘डॉपलर वेरी हाई फ्रीक्वेंसी ओमनी रेंज’ (DVOR) इंस्टालेशन के लिए भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण (AAI) की टीम यहां पहुंच गई है। इस टीम की मौजूदगी में 24 सितंबर मशीन इंस्टाल किया जाएगा। जिसके बाद परीक्षण के लिए AAI के अफसरों का दौरा होगा।
हाईकोर्ट की सख्ती के बाद बिलासपुर एयरपोर्ट पर नाइट लैंडिंग सुविधा उपलब्ध कराने की दिशा में एयरपोर्ट अथार्टी ऑफ इंडिया ने बड़ा कदम उठाया है। बुधवार को AAI के अधिकारियों ने काम का निरीक्षण किया और इंस्टालेशन की तैयारी शुरू कर दी है। टीम DVOR के सभी उपकरण लगाकर सिग्नल ऑप्टिमाइजेशन का कार्य करेगी। इसके बाद फ्लाइट इंस्पेक्शन यूनिट विशेष विमान से सिग्नल की केलिब्रेशन जांच करेगी, ताकि मशीन पूरी तरह सटीक नतीजे देने के लिए तैयार हो सके। इंस्टालेशन कार्य का नेतृत्व सुरेंद्र रोहिल्ला (प्रोजेक्ट हेड) कर रहे हैं। उनके साथ आशीष चतुर्वेदी (प्रबंधक), आशीष सिंह (प्रबंधक) और आशुतोष सिंह (जूनियर एग्जीक्यूटिव, रेडियो कंस्ट्रक्शन एंड डेवलपमेंट यूनिट, एएआई दिल्ली) शामिल हैं।
इंस्टालेशन के बाद आगे के लिए होगी यह प्रक्रिया इलेक्ट्रिकल और सिविल कार्य पूरा होने के बाद AAI की रेडियो कंस्ट्रक्शन एंड डेवलपमेंट यूनिट DVOR के साथ एचपीडीएमई तकनीक भी स्थापित करेगी, जिससे विमान की एयरपोर्ट से दूरी मापी जा सकेगी। इसके बाद फ्लाइट इंस्पेक्शन यूनिट विशेष विमान से सिग्नल की टेस्टिंग करेगी। परीक्षण सफल होने पर एयरोस्पेस मैनेजमेंट यूनिट एयरपोर्ट के लिए विशेष प्रोसीजर तैयार करेगी। यह डीजीसीए से अनुमोदित होने के बाद नोटाम (नोटिस टू एयरमेन) के रूप में जारी होगा। नोटाम जारी होने के 84 दिन बाद नाइट लैंडिंग सुविधा शुरू हो सकेगी। दावा किया जा रहा है कि पूरी प्रक्रिया में करीब 9 माह का समय लगेगा।
जानिए क्यों जरूरी है नाइट लैंडिंग मशीन फिलहाल बिलासपुर एयरपोर्ट 3 वीएफआर (विजुअल फ्लाइट रूल) कैटेगरी में है। यानी यहां पायलट विजुअल रूल्स के अनुसार ही फ्लाइट ऑपरेट करते हैं और नाइट लैंडिंग की सुविधा उपलब्ध नहीं है। राज्य सरकार एयरपोर्ट का उन्नयन 3C-IFR(इंस्ट्रूमेंट फ्लाइट रूल) कैटेगरी के तहत कर रही है, जिसके लिए डीजीसीए ने DVOR लगाने की अनुशंसा की है।
2023 में जारी हुआ था वर्कआर्डर नाइट लैंडिंग मशीन के लिए वर्कऑर्डर फरवरी 2023 में जारी हुआ था। 21 नवंबर 2024 को मशीन लगाने का स्थान तय किया गया। यह मशीन रनवे की शुरुआत से 950 मीटर दाहिनी ओर स्थापित की जा रही है। इसके लिए एएआई के दो अधिकारियों की नियुक्ति की जा चुकी है और श्रमिक भी अनुबंधित किए गए हैं।
लेटलतीफी और टालमटोल रवैए पर हाईकोर्ट ने जताई थी नाराजगी दरअसल, एयरपोर्ट में सुविधाओं के विस्तार को लेकर जनहित याचिकाओं पर हाईकोर्ट लगातार सुनवाई कर रहा है। पिछली कई सुनवाई के दौरान राज्य शासन और AAI की तरफ से नाइट लैंडिंग की सुविधा शुरू करने और इसके लिए उपकरण लगाने का दावा किया जा रहा था। लेकिन, प्रक्रियाओं में देरी के चलते काम नहीं हो रहा था। जिसके चलते चीफ जस्टिस ने राज्य और केंद्र सरकार पर कड़ी नाराजगी जाहिर की थी। हाईकोर्ट ने यहां तक कहां था कि कभी तो बिलासपुर का भाग्य बदलेगा और एयरपोर्ट की सुविधाओं में विस्तार होगा। हाईकोर्ट की सख्ती के बाद अब AAI ने इस दिशा में काम करना शुरू कर दिया है।