बिलासपुर में धर्मांतरण रोकने के लिए इस बार नवरात्रि पर अलग नजारा देखने को मिल रहा है। एक तरफ दुर्गा पंडालों पर बैनर लगाकर हिंदुओं को संदेश दिया जा रहा है कि धर्म परिवर्तन बंद करो। ऐसे हिंदुओं पर रिश्ता और भरोसा खत्म करो, जो अपने धर्म का नहीं वो आपके क्या होंगे।
वहीं, धर्म जागरण को लेकर हनुमान चालीसा का पाठ किया गया, ध्वज यात्रा निकाली गई। जबकि, चर्च पर बवाल रोकने के लिए प्रबंधन ने नोटिस चस्पा किया है कि यहां धर्म परिवर्तन नहीं कराया जाता।
यह जगह केवल ईसाई धर्म के विश्वासियों के लिए है, अन्य धर्म के लोग इसमें प्रवेश करना चाहते हैं तो वे अपनी इच्छा से आएं। विवाद की स्थिति के लिए खुद जिम्मेदार होंगे।
प्रार्थना सभा के बहाने धर्मांतरण कराने का आरोप
दरअसल, बिलासपुर जिले में प्रार्थना सभा के बहाने धर्मांतरण कराने जैसे आरोप लगते रहे हैं। जिले के सकरी, मस्तूरी, पचपेड़ी, सीपत, सरकंडा, राजेंद्र नगर सहित कई इलाकों में धर्मांतरण को लेकर हिंदूवादी संगठनों ने बवाल मचाया, जिसमें धर्मांतरण कराने वालों के खिलाफ आपराधिक प्रकरण भी दर्ज कराए गए।
जिले में पिछले 4 महीने में 30 से अधिक ऐसे मामले सामने आए हैं, जिसमें हिंदुओं को बरगलाकर और प्रलोभन देकर धर्मांतरण करने के आरोप लगे हैं, जिसमें पुलिस ने केस भी दर्ज किया है।
नवरात्रि पर हिंदुओं को सचेत और जागरूकता लाने अभियान
इस बार नवरात्रि पर धर्मांतरण को लेकर हिंदुओं को जागरूक करने के साथ ही सचेत करने के लिए मुहिम शुरू की गई है, जिसमें बिलासपुर और आसपास के दुर्गा पंडालों में देवी आराधना के साथ एक और संदेश दिया जा रहा है।
इसमें धर्मांतरण रोकने के लिए हिंदुओं को सचेत करने समितियों ने दुर्गा पंडालों पर बैनर पर ‘धर्म परिवर्तन बंद करो’ जैसे स्लोगन लिखा है। आयोजकों का कहना है कि यह समाज को सचेत करने और आस्था की रक्षा का संकल्प है।
चर्च में लगे नोटिस- अन्य धर्म के लोग मर्जी से आएं
धर्मांतरण के आरोपों और बवाल को देखते हुए शहर के चर्च और प्रार्थना सभा में भी प्रबंधन ने नोटिस चस्पा किया है, जिसमें लिखा है कि यह चर्च केवल ईसाई धर्म के विश्वासियों के लिए है। अगर, अन्य धर्म के लोग इसमें प्रवेश करना चाहते हैं तो वे अपनी इच्छा से प्रवेश कर सकते हैं। अगर कोई विवाद होता है तो वे स्वयं जिम्मेदार होंगे।
सेवा करते हैं, प्रलोभन नहीं देते- पास्टर राजरतन
पास्टर राजरतन ने कहा कि मसीही समुदाय पर अक्सर यह आरोप लगाया जाता है कि वे प्रलोभन देकर धर्मांतरण कराते हैं, जबकि यह पूरी तरह से निराधार है। उन्होंने कहा, “अगर मसीहियों के पास इतना पैसा होता, तो वे देश ही खरीद लेते। हकीकत यह है कि मसीही तो सब कुछ त्यागकर सेवा करते हैं।”
चर्चों में कहीं भी किसी को प्रलोभन नहीं दिया जाता। लोग अपनी स्वेच्छा से आते हैं। जो जहां जाना चाहे- मंदिर, मस्जिद या चर्च, वह उसका व्यक्तिगत अधिकार है।
पास्टर राजरतन ने कहा, “धर्म केवल एक पहचान नहीं, बल्कि लोगों के जीवन को बदलने वाली आस्था है। जैसे हिंदू लोग चर्च आते हैं, वैसे ही कई मसीही भी मंदिर, मस्जिद या गुरुद्वारे जाते हैं। यह सबकी व्यक्तिगत स्वतंत्रता है, और इसका सम्मान किया जाना चाहिए।”
धर्म के प्रति जागरूकता लाने हनुमान चालीसा पाठ
नवरात्रि पर रामसेतु चौक सरकंडा के श्री हनुमान सेवा समिति और मित्रमंडली ने धर्म जागरण के लिए नई मुहिम शुरू की है। इसके तहत समिति के सदस्य शहर के दुर्गा पंडालों के साथ ही मंदिर परिसर और गरबा आयोजन स्थलों पर पहुंचकर सामूहिक रूप से हनुमान चालीसा का महापाठ किया।
अब तक 7 जगहों पर यह आयोजन किया चुका है। आयोजन में भक्तों को निःशुल्क हनुमान चालीसा की पुस्तिकाएं दी गई है। वहीं दुर्गा समितियों के पदाधिकारियों को रामपट्टा पहनाकर और स्मृति चिन्ह भेंट कर सम्मानित किया गया।
समिति ने बताया कि साल 2024 में शारदीय नवरात्रि के दौरान कुल 33 स्थानों पर महापाठ कार्यक्रम आयोजित किया गया था। इस साल भी उसी संख्या को लक्ष्य बनाकर कार्यक्रम संचालित किया जा रहा है। समिति का मुख्य उद्देश्य लोगों को सनातन धर्म के प्रति जागरूक करना, नशामुक्त जीवन जीने की प्रेरणा और समाज को आध्यात्मिक रूप से एकजुट करना है।
बेलतरा विधायक का ध्वज यात्रा
वहीं, बेलतरा विधायक सुशांत शुक्ला ने हिंदुत्व का ध्वज लेकर नवरात्रि पर्व पर ध्वज यात्रा शुरू की है। उनकी यह यात्रा विधानसभा क्षेत्र के गांव-गांव पहुंच रही है।
विधायक सुशांत शुक्ला ने कहा कि मतांतरण के खिलाफ जनता जागरूक हो रही है। ध्वज यात्रा में उनका जुड़ाव धर्मांतरण के खिलाफ एक प्रतिक्रिया है। कथावाचक संत चिन्मयानंद बापू ने भी इस यात्रा की सराहना की।
युवाओं ने बदलाव लाने शुरू की मुहिम
सतबहनिया माता दुर्गा उत्सव समिति के सुभाष सिंह का कहना है कि हमारा देश विविधताओं का देश है। यही यहां की खूबसूरती है। लेकिन, जिस तरह से धर्मांतरण हो रहा है और इससे आपसी वैमनस्यता बढ़ रही है।
हर वर्ग के लोगों को अपने धर्म के प्रति कट्टर रहना चाहिए। हमारी समिति ने धर्मांतरण को लेकर उपजे विवाद और अराजगता को रोकने के लिए यह संदेश दिया जा रहा है। लोगों से अपील की जा रही है कि सभी को अपने समाज और धर्म पर गर्व करना चाहिए।