Bilaspur: पूर्व चेयरमैन टामन सिंह सोनवानी को बड़ा झटका, हाईकोर्ट ने खारिज की जमानत याचिका

प्रदेश के बहुचर्चित CGPSC घोटाला मामले में फंसे पूर्व चेयरमैन टामन सिंह सोनवानी को हाइकोर्ट से बड़ा झटका लगा है। कोर्ट ने टामन सिंह सोनवानी की जमानत याचिका खारिज कर दी है। जस्टिस बी.डी.गुरु की सिंगल बेंच ने 17 अप्रैल को जमानत याचिका पर सुनवाई के बाद फैसला रिज़र्व रखा था। जिसे आज जारी किया गया है।

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CGPSC 2021 घोटाला मामले की जांच सीबीआई कर रही है। सीबीआई की टीम ने पिछले साल नवंबर में पूर्व चेयरमैन टामन सिंह सोनवानी को गिरफ्तार किया था। गिरफ्तारी के वक्त सोनवानी सरगुजा में अपने गांव से मैनपाट जा रहा था, जहां उसका आलीशान फॉर्म हाउस है। सीबीआई को जांच में पता चला था, कि सोनवानी ने भतीजे नीतेश सोनवानी, बड़े भाई के बेटे साहिल, बहू निशा कोसले, भाई की बहू दीपा अजगले, बहन की बेटी सुनीता जोशी समेत 5 रिश्तेदारों का चयन कराया था।

इसके अलावा पीएससी सचिव जीवन किशोर के बेटे सुमित ध्रुव, भूपेश सरकार में राज्यपाल के सचिव रहे अमृत खलखो की बेटी नेहा खलखो, बेटा निखिल, डीआईजी ध्रुव की बेटी साक्षी ध्रुव, कांग्रेस नेता की बेटी अनन्या अग्रवाल, एक उद्योगपति का बेटे और बहू, मंत्री के ओएसडी के साढ़ू की बेटी खुशबू बिजौरा, कांग्रेस नेता के बेटे राजेंद्र कौशिक, कांग्रेस नेता राजेंद्र शुक्ला के बेटे स्वर्णिम, मीनाक्षी गनवीर समेत अन्य शामिल हैं। पीएससी घोटाले की जांच के दौरान सीबीआई ने चयनित अभ्यर्थियों के यहां से प्रश्न-पत्र से जुड़े दस्तावेज मिले। उनके परिजनों के बैंक खातों से ट्रांजेक्शन की भी जानकारी ली। जिसके आधार पर सोनवानी को समन जारी कर बुलाया गया, लेकिन वह उपस्थित नहीं हुए तब गिरफ्तारी हुई।

CGPSC 2021 में चयनित 18 अभ्यर्थियों के घरों में इस घोटाले को लेकर छापेमारी भी की गई थी। अभ्यर्थियों के यहां 300 से ज्यादा किताबों-नोटबुक और मोबाइल, कंप्यूटर, लैपटॉप की जांच की गई। इस दौरान एक चयनित अभ्यर्थी के यहां डायरी में लेनदेन का हिसाब भी मिला था। अभ्यर्थियों, उनके परिजन के बैंक खातों की जांच के अलावा सीबीआई ने पीएससी के अफसरों से बातचीत की 5 साल की कॉल डिटेल और लोकेशन भी खंगाली। जिसके आधार पर सीबीआई ने पीएससी के पूर्व चेयरमैन टामन सिंह सोनवानी को गिफ्तार किया।

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