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बिलासपुर: CRPF कांस्टेबल ने बैरक में लगाई फांसी, विभाग में मचा हड़कंप, आत्महत्या की वजह जानने में जुटी पुलिस…

बिलासपुर: छत्तीसगढ़ के न्यायधानी बिलासपुर के भरनी स्थित सीआरपीएफ कैंप में रविवार को एक कांस्टेबल ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली. जवान का शव बैरक में फंदे से लटका हुआ मिला. घटना के बाद से कैंप में सनसनी फैल गई है. मृतक कांस्टेबल असम का निवासी था। आत्महत्या के पीछे की वजह अभी तक साफ नहीं हो पाई है. पुलिस और विभागीय अधिकारी इस मामले की गंभीरता से जांच कर रहे हैं.

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भरनी सीआरपीएफ कैंप में तैनात जवानों के अनुसार, रविवार सुबह जब कुछ जवान ड्यूटी के लिए तैयार हो रहे थे, तब बैरक में उन्होंने अपने एक साथी का शव फंदे से लटका हुआ देखा. इसकी सूचना तुरंत कैंप के अधिकारियों को दी गई.

अधिकारियों ने तुरंत पुलिस को बुलाया. मौके पर पहुंची पुलिस ने शव को कब्जे में लिया और फंदे से नीचे उतारकर पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया। प्रारंभिक जांच में घटनास्थल से कोई सुसाइड नोट नहीं मिला है. पुलिस ने बताया कि मामले की गहराई से जांच की जा रही है.

 

 

मृतक कांस्टेबल की पहचान

मृतक कांस्टेबल असम का रहने वाला था और कुछ महीनों पहले ही उसे भरनी कैंप में तैनात किया गया था. उसकी उम्र लगभग 30 वर्ष बताई जा रही है। साथी जवानों ने बताया कि वह आमतौर पर शांत स्वभाव का था और अपनी निजी जिंदगी के बारे में ज्यादा बात नहीं करता था.

जांच का दायरा

पुलिस ने आत्महत्या के संभावित कारणों का पता लगाने के लिए मृतक के सहकर्मियों और अधिकारियों से पूछताछ शुरू कर दी है. अधिकारी यह भी जांच कर रहे हैं कि कहीं मृतक मानसिक तनाव या किसी निजी परेशानी का सामना तो नहीं कर रहा था.

सीआरपीएफ कैंप के अधिकारियों का कहना है कि मृतक के परिवार को सूचना दे दी गई है. घटना के बाद से कैंप में सन्नाटा पसरा हुआ है.

 

 

मानसिक तनाव की संभावना

सुरक्षा बलों में तैनात जवानों पर मानसिक तनाव और काम के दबाव का प्रभाव लंबे समय से चर्चा का विषय रहा है. यह घटना भी इसी ओर इशारा करती है. पुलिस और विभागीय अधिकारी यह समझने की कोशिश कर रहे हैं कि मृतक किसी मनोवैज्ञानिक दबाव से जूझ रहा था या नहीं.

विभाग ने जताया शोक

सीआरपीएफ विभाग ने इस घटना पर गहरा दुख व्यक्त किया है. अधिकारियों ने कहा है कि मृतक कांस्टेबल के परिवार को हर संभव सहायता प्रदान की जाएगी. विभाग ने इस घटना को दुर्भाग्यपूर्ण बताया है और जवानों के मानसिक स्वास्थ्य पर ध्यान देने की बात कही है.

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