बिलासपुर में एक बेटे ने अपने पिता को बिजली की तार से करंट लगाकर उसकी हत्या कर दी. उसने अपने परिजन और मोहल्ले वालों को गुमराह करने के लिए हार्ट अटैक से पिता की मौत होने की जानकारी दी. लेकिन, दूसरी पत्नी ने अपने पति की मौत पर संदेह जताया और शव का पोस्टमॉर्टम कराया, जिसके बाद हत्या का मामला सामने आया.
पुलिस ने घटना के करीब 18 दिन बाद आरोपी बेटे को गिरफ्तार कर लिया है. पत्नी पर बुरी नजर रखने के चलते उसने पिता की हत्या करना स्वीकार किया है. मामला कोटा थाना क्षेत्र का है.
पुलिस के अनुसार कोटा के रामनगर निवासी सूरज यादव (54) स्वास्थ्य विभाग में काम करता था. घर पर वह पत्नी राधा बाई और बेटे सागर यादव (26) और बहू के साथ रहता था. उसकी दूसरी पत्नी देवकी यादव भी है, जो घर से अलग रहती है.
बीते 24 मार्च को सूरज यादव की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई. इस दौरान उसका बेटा सागर यादव ने बताया कि पिता की तबीयत खराब होने पर हार्ट अटैक से मौत हुई है. वह अंतिम संस्कार की तैयारी में था.
लेकिन, जब देवकी को इस घटना की जानकारी हुई, तब उसे भरोसा नहीं हुआ. वह अपने पति के शव को देखने के लिए बहन सावित्री यादव के साथ पहुंची तब उसे परिजन उसे लेकर श्मशान घाट पहुंचे, तब लाश को देखकर उसने संदेह जताया. उसने पुलिस को बुला ली और शव का पोस्टमॉर्टम कराने की मांग की. जिसके बाद पुलिस ने शव का पोस्टमार्टम कराया.
जिसके बाद डॉक्टर ने पुलिस को पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट सौंपा, जिसमें स्वास्थ्य कर्मी की मौत करंट लगने से होने की जानकारी दी. पीएम रिपोर्ट आने के बाद पुलिस ने सूरज के बेटे सागर से पूछताछ की. पहले वह पुलिस को गुमराह करता रहा. फिर बाद में वह टूट गया. उसने जीआई तार लगाकर अपने पिता को करंट से मारने की बात कही. जिसके बाद पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया.
जब आरोपी सागर से पुलिस ने पूछताछ की, तब उसने अपने पिता की हत्या करना स्वीकार किया. उसने बताया कि वह उसकी पत्नी पर बुरी नीयत रखता था. उसने पुलिस को बताया कि पिता की हरकतों से परेशान होकर पत्नी ने सागर से शिकायत की थी, जिसके बाद उसने पिता की हत्या करने की योजना बनाई और करंट लगाकर उसे मार दिया.
स्वास्थ्य कर्मी सूरज यादव की 24 मार्च को मौत हुई थी. उसी समय दूसरी पत्नी ने संदेह जताया और पुलिस को सूचना दी, जिसके बाद पुलिस ने शव का पोस्टमॉर्टम कराया. पीएम रिपोर्ट में स्वास्थ्य कर्मी की करंट से मौत और हत्या का संदेह जता दिया गया.
इसके बावजूद पुलिस आरोपी तक नहीं पहुंच पाई और 18 दिनों तक केस की जांच करती रही. आरोपी बेटे के अपराध स्वीकार करने के बाद पुलिस ने उसे अरेस्ट किया है.