बिलासपुर: बिलासपुर नगर निगम में सोमवार को हुई सामान्य सभा की बैठक हंगामे के बीच शुरू हुई। बैठक में सड़क, बिजली और पानी समेत कई बुनियादी सुविधाओं के विकास के प्रस्ताव पास किए गए। बैठक के दौरान सदन में मोदी-मोदी और वोट चोर गद्दी छोड़ के नारे गूंजे, जिससे माहौल तनावपूर्ण हो गया।
बैठक शुरू होने से पहले ही बीजेपी पार्षद बैठक व्यवस्था को लेकर नाराज दिखाई दिए। पार्षद तिलक साहू ने बैठक व्यवस्था पर सवाल उठाए और सभा से बाहर जाने की चेतावनी दी। वहीं, कांग्रेस पार्षदों ने मेयर पूजा विधानी पर आरोप लगाए कि उनके वार्डों में ध्यान नहीं दिया जा रहा। पार्षद पुष्पेंद्र साहू ने कहा कि मेयर फोन नहीं उठाती। जवाब में मेयर ने कहा कि पार्षद अपने वार्ड में रहेंगे तभी समस्याओं का पता चलेगा।
सदन में विपक्ष ने GST में कटौती को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के प्रति आभार प्रस्ताव पर विरोध जताया। वहीं, कई पार्षदों ने वार्डों में सड़क, नाली और जलभराव के मुद्दों को उठाया। कांग्रेस पार्षद अब्दुल खान ने सुशासन तिहार में आए आवेदन के निराकरण पर सवाल उठाया।
बैठक में महज 25 मिनट में 38 एजेंडे और 7 अतिरिक्त प्रस्ताव पास किए गए। प्रमुख एजेंडों में व्यापार विहार क्षेत्र में GST कार्यालय के सामने कमर्शियल कॉम्प्लेक्स का निर्माण, सिरगिट्टी क्षेत्र में आधुनिक स्पोर्ट्स क्लब और कमर्शियल कॉम्प्लेक्स, तथा सकरी क्षेत्र में बुजुर्गों के लिए कम्युनिटी हॉल शामिल हैं। इसके अलावा स्ट्रीट लाइटों के संचालन और पाइपलाइन निर्माण के लिए करोड़ों रुपए के प्रस्ताव भी स्वीकृत हुए।
सदन में पार्षदों और मेयर के बीच तीखी बहस भी हुई। मेयर ने कहा कि 6 महीने में सभी कार्य तत्काल नहीं हो सकते, जबकि पार्षदों ने वार्डों में विकास कार्यों की धीमी गति पर नाराजगी जताई। कार्यवाही के दौरान कांग्रेस पार्षद गायत्री साहू के खिलाफ FIR का मुद्दा भी उठा, जिससे बैठक एक घंटे के लिए स्थगित कर दी गई।
नगर निगम प्रशासन का दावा है कि पारित प्रस्ताव शहर की बुनियादी सुविधाओं को मजबूत करने में मदद करेंगे। वहीं, विपक्ष ने आवास, सफाई और सड़क निर्माण के मुद्दों पर शहर के विकास पर नजर रखने की रणनीति बनाई है। निगम आयुक्त अमित कुमार ने बताया कि सभी प्रस्तावों की समीक्षा के बाद कार्यवाही शुरू की जाएगी।
इस बैठक में लगभग 37 एजेंडे शामिल थे, जिनमें से 27 जाति प्रमाणपत्र से संबंधित थे और शेष में शहर के विभिन्न हिस्सों में प्रस्तावित विकास कार्यों पर चर्चा हुई। बैठक के दौरान पार्षदों और मेयर के बीच आमने-सामने बहस से स्पष्ट हुआ कि निगम में सत्ता और विपक्ष के बीच सहयोग और संघर्ष दोनों जारी हैं।