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बिलासपुर ने 22 अनुकंपा कर्मचारियों को वेतन देने का आदेश दिया

बिलासपुर। छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने बिलासपुर नगर निगम को निर्देश दिया है कि 22 अनुकंपा नियुक्त कर्मचारियों को उनकी सेवा शर्तों के अनुसार वेतन का भुगतान किया जाए। कोर्ट ने साथ ही सामान्य प्रशासन विभाग (जीएडी) को एफिडेविट दाखिल करने का आदेश दिया है। मामले की अगली सुनवाई 13 नवंबर को होगी।

यह मामला बिलासपुर नगर निगम में अनुकंपा नियुक्ति पर कार्यरत 22 चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों की नियुक्ति रद्द होने से संबंधित है। कर्मचारियों की नियुक्ति 13 सितंबर को रद्द कर दी गई थी। इनमें से प्रत्येक को 10 जनवरी को उपमुख्यमंत्री और नगरीय प्रशासन मंत्री अरुण साव के हाथों नियुक्ति आदेश प्राप्त हुए थे। लेकिन वे अब तक प्लेसमेंट कर्मचारी के रूप में ही कार्यरत थे और सात महीने से उनका वेतन नहीं मिला।

नगर निगम कमिश्नर अमित कुमार ने नियुक्ति आदेश शासन से स्वीकृति न मिलने के कारण रद्द कर दिए थे। इसके विरोध में नीलेश श्रीवास सहित अन्य कर्मचारियों ने अधिवक्ता मनोज कुमार सिन्हा के माध्यम से हाईकोर्ट में याचिका दायर की। याचिका में बताया गया कि कर्मचारियों ने लंबे समय से नगर निगम में अनुकंपा नियुक्ति के तहत सेवा दी है।

कोर्ट ने स्पष्ट किया कि नगर निगम को याचिकाकर्ताओं को बिना किसी बाधा के वर्तमान तिथि तक वेतन का भुगतान करना होगा। जस्टिस नरेंद्र कुमार व्यास की पीठ ने राज्य शासन से यह भी पूछा कि यह मामला पिछले पांच सालों से लंबित क्यों है। आदेश से कर्मचारियों के चेहरों पर राहत की भावना देखी गई है।

विशेषज्ञों का मानना है कि कोर्ट का यह आदेश न केवल कर्मचारियों के हित में है बल्कि अन्य सरकारी विभागों में कार्यरत अनुकंपा नियुक्त कर्मचारियों के लिए भी मिसाल कायम करता है। इससे कर्मचारियों के मनोबल में वृद्धि होगी और प्रशासनिक प्रक्रिया में पारदर्शिता भी बढ़ेगी।

नगर निगम प्रशासन ने कोर्ट के आदेश का पालन करते हुए वेतन भुगतान की प्रक्रिया तुरंत शुरू कर दी है। अधिकारियों का कहना है कि अब सभी 22 कर्मचारी अपनी सेवा शर्तों और वेतन के अनुसार कार्य करेंगे। इस निर्णय से कर्मचारियों को न्याय मिलने के साथ-साथ भविष्य में उनके अधिकारों की सुरक्षा भी सुनिश्चित होगी।

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