छत्तीसगढ़ के बेमेतरा जिले के चर्चित बिरनपुर हिंसा कांड में करीब 2 साल बाद ट्रायल की शुरुआत होने जा रही है। केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) की चार्जशीट दायर होने के बाद अब 8, 9 और 10 अक्टूबर को रायपुर की स्पेशल कोर्ट में गवाहों के बयान दर्ज किए जाएंगे।
इस केस में मृतक भुनेश्वर साहू के पिता और भाजपा विधायक ईश्वर साहू समेत कुल 23 गवाहों को पेश किया जाएगा। जानकारी के मुताबिक, CBI ने नवंबर 2024 को रायपुर की स्पेशल कोर्ट में चालान पेश किया था। इसके बाद अब ट्रायल की औपचारिक शुरुआत हो रही है।
बचाव पक्ष के वकील एस के फरहान ने बताया कि CBI की चार्जशीट में किसी भी राजनीतिक पार्टी या राजनीतिक व्यक्ति के नाम का जिक्र नहीं है।
जानिए CBI की चार्जशीट में क्या निकला ?
CBI की चार्जशीट के अनुसार, 8 अप्रैल 2023 को ग्राम बीरनपुर (थाना साजा) में बच्चों के बीच साइकिल टकराने के विवाद ने बड़ा रूप ले लिया था। स्कूल से लौटते समय चंचल साहू और सलीम खान के बीच विवाद हुआ, जिसके बाद मारपीट और बोतल फेंकने की घटना में कुलेश्वर साहू घायल हो गया।
बढ़ते विवाद के बीच दोपहर में गांव में पंचायत बुलाई गई। इसी दौरान मुस्लिम समुदाय की भीड़ ने ईंट-पत्थर और हथियारों से हमला कर दिया। अफरा-तफरी में कई लोग घायल हुए। हमले में भुनेश्वर साहू को पकड़कर मस्जिद की ओर घसीटा गया। बेरहमी से पिटाई कर दी गई, जिससे उसकी मौत हो गई।
घटना रोकने पहुंचे उपनिरीक्षक बीनूराम ठाकुर और अन्य पुलिसकर्मी पर भी पथराव हुआ। वे गंभीर रूप से घायल हो गए। प्रारंभिक जांच में पुलिस ने 12 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया था। बाद में CBI ने 6 और नाम जोड़े। अब इस केस में कुल 18 आरोपी हैं। नए शामिल किए गए आरोपियों पर पुलिस पर पथराव करने का आरोप है।
धारा 144 लगी, 2 दिन बाद पिता-पुत्र की लाश मिली
हिंसक घटना के बाद बिरनपुर में धारा 144 लगा दी गई। भुनेश्वर साहू की मौत के 2 दिन बाद बिरनपुर गांव में शक्तिघाट इलाके में 10 अप्रैल को पिता-पुत्र रहीम मोहम्मद और ईदुल मोहम्मद की लाश मिली। इस घटना के बाद दोबारा हिंसा बढ़ी थी।
जबकि गांव के बाहर कोरवाय खार में रहीम उम्मद मोहम्मद और उसके बेटे ईदुल मोहम्मद की हत्या के आरोप में 8 लोगों को गिरफ्तार किया गया था। इन गिरफ्तारियों के बाद पुलिस ने जांच में आरोपियों की संख्या बढ़ने का दावा भी किया था।
पार्टी का या किसी भी राजनीतिक व्यक्ति का जिक्र नहीं
इस केस में बचाव पक्ष के वकील एस के फरहान ने बताया कि बिरनपुर मामले में पुलिस और CBI ने जांच में यही पाया है कि बच्चों के बीच झगड़े के बाद गांव में इस तरह का बलवा हुआ। CBI की चार्जशीट में किसी भी राजनीतिक पार्टी या राजनीतिक व्यक्ति के नाम का जिक्र नहीं है।