Vayam Bharat

वियतनाम के चिड़ियाघरों में बर्ड फ्लू का प्रकोप, 47 बाघ, 3 शेर और एक तेंदुए की मौत

वियतनाम के चिड़ियाघरों में H5N1 बर्ड फ्लू वायरस के कारण 47 बाघ, तीन शेर और एक तेंदुए की मौत हो गई है.सरकार ने कहा है कि ये मौतें H5N1 टाइप ए वायरस के कारण हुई हैं. गनीमत ये है कि अभी तक यहां तैनात किसी भी कर्मचारी में बर्ड फ्लू के लक्षण नहीं दिखे हैं.

Advertisement

दक्षिणी वियतनाम के चिड़ियाघरों में बर्ड फ्लू का प्रकोप फैला हुआ है. बर्ड फ्लू की वजह से यहां एक तेंदुआ, तीन शेर और 47 बाघों की मौत हो गई है. लगातार फैल रहे बर्ड फ्लू से इस बात की चिंता बढ़ गई है कि यह वायरस मनुष्यों को भी संक्रमित कर सकता है.

वियतनाम की सरकारी समाचार एजेंसी (VNA) ने बुधवार को बताया कि ये मौतें अगस्त और सितंबर में दो चिड़ियाघरों में हुई हैं. ये चिड़ियाघार लॉन्ग एन प्रांत के प्राइवेट माई क्विन सफारी पार्क और राजधानी हो ची मिन्ह सिटी के  डोंग नाई में स्थित हैं.

 

मौतों के बाद नेशनल सेंटर फॉर एनिमल हेल्थ डायग्नोसिस के परीक्षण के नतीजों ने पुष्टि करते हुए कहा कि बाघों, तेंदुए और शेरों की मौत “H5N1 टाइप ए वायरस के कारण” हुई है. हालांकि अभी तक यहां तैनात किसी भी कर्मचारी में बर्ड फ्लू के लक्षण नहीं दिखे हैं.

 

कर्मचारी सुरक्षित

मीडिया ने जब चिड़ियाघरों से संपर्क किया तो उन्होंने टिप्पणी करने से इनकार कर दिया. वीएनए रिपोर्ट में कहा गया है कि जानवरों के निकट संपर्क में आने वाले किसी भी चिड़ियाघर कर्मचारी में श्वसन संबंधी लक्षण नहीं दिखे हैं. वन्यजीव संरक्षण पर केंद्रित एक गैर सरकारी संगठन, एजुकेशन फॉर नेचर वियतनाम ने कहा कि 2023 के अंत तक वियतनाम में कुल 385 बाघ चिड़ियाघरों में रह रहे थे.

विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) का कहना है कि 2022 से, एच5एन1 सहित इन्फ्लूएंजा वायरस के कारण स्तनधारियों में घातक प्रकोप के मामले बढ़ रहे हैं. WHO ने कहा है कि एच5एन1 संक्रमण मनुष्यों में हल्के से लेकर गंभीर तक हो सकता है, और कुछ मामलों में घातक भी हो सकता है. वियतनाम ने मार्च में डब्ल्यूएचओ को वायरस से एक मानव मौत के बारे में सूचित किया.

 

मुर्गी का मांस हो सकती है वजह

विशेषज्ञों ने कहा कि संक्रमित मुर्गी के मांस खाने से जानवरों को वायरस का संक्रमण हुआ होगा.हांगकांग विश्वविद्यालय के प्रोफेसर बेन काउलिंग ने कहा, “तुरंत संदेह यह है कि चिड़ियाघर के जानवरों को जो कुछ भी खाने को दिया गया वो संक्रमित होगा, जैसे कि H5N1 वाले मुर्गियों को खाने को दिया होगा.”

 

उन्होंने कहा कि यह आम बात नहीं है, लेकिन बाघों में पहले भी एवियन इन्फ्लूएंजा हो चुका है. 2003 और 2004 में जब यह बीमारी पूरे दक्षिण-पूर्व एशिया में फैल गई थी तब 24 लोग खतरनाक रूप से संक्रमित हो गए थे. आपको बता दें कि 2004 में, थाईलैंड में दुनिया के सबसे बड़े प्रजनन फार्म में दर्जनों बाघ बर्ड फ्लू से मर गए या उन्हें मार दिया गया था.

Advertisements