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‘BJP ने अजित पवार को महायुति छोड़ने के लिए कहा’, NCP शरद गुट का बड़ा दावा

एक तरफ RSS से जुड़े मराठी सप्ताहिक में NCP (अजित गुट) पर जमकर निशाना साधा गया तो वहीं अब NCP (शरदचंद्र पवार) का भी इस पर बयान आया है. एनसीपी (शरद गुट) ने दावा किया है कि भारतीय जनता पार्टी (BJP) अजित पवार गुट से महायुति छोड़ने के लिए कह रही है.

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NCP (शरद पवार) ने RSS के मराठी सप्ताहिक में छपी रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा, ‘भाजपा उपमुख्यमंत्री अजित पवार के नेतृत्व वाली NCP को महाराष्ट्र में सत्तारूढ़ ‘महायुति’ गठबंधन छोड़ने का संदेश दे रही है.’ रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि BJP के NCP के साथ गठबंधन के कारण ही लोकसभा चुनाव में भगवा पार्टी को खराब प्रदर्शन का सामना करना पड़ा है.

शरद गुट के प्रवक्ता क्लाइड क्रैस्टो ने कहा,’लोकसभा चुनाव में मिली हार के बाद BJP महाराष्ट्र में आगामी विधानसभा चुनाव जीतने की कोशिश कर रही है. पार्टी को अहसास हो गया है कि अजित पवार के नेतृत्व वाली पार्टी के साथ गठजोड़ से उनकी संभावनाओं को नुकसान पहुंचेगा. असलियत यह है कि महाराष्ट्र की जनता ने NCP (शरद पवार) के पक्ष में बड़े पैमाने पर मतदान किया है. भाजपा भी इस पूरे मामले में सावधानी से काम ले रही है, क्योंकि वह चुनाव जीतना चाहती है.’

शरद गुट के प्रवक्ता ने कहा, ‘बीजेपी उपमुख्यमंत्री अजित पवार के नेतृत्व वाली NCP से दूरी बनाने की कोशिश कर रही है. शायद किसी न किसी तरह से उन्हें (महायुति) छोड़ने के लिए कहा जा रहा है.’

दरअसल, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) से जुड़ी मराठी की साप्ताहिक पत्रिका में प्रकाशित एक लेख में NCP को लेकर बड़ा बयान दिया गया था. इस लेख में कहा गया था कि लोकसभा चुनाव में महाराष्ट्र BJP के खराब प्रदर्शन के लिए अजित पवार की अगुवाई वाले NCP से किया गया गठबंधन जिम्मेदार है. साप्ताहिक पत्रिका ‘विवेक’ के ताजा अंक में कहा गया कि लोकसभा चुनाव में पार्टी की हार के कारणों पर बात करते हुए आज BJP का हर कार्यकर्ता NCP के साथ गठबंधन का नाम सबसे पहले लेता है.

आर्टिकल में आगे कहा गया कि BJP के कार्यकर्ता को NCP से गठबंधन करना रास नहीं आया. यहां तक कि BJP के कार्यकर्ता भी इसे जानते हैं. शिवसेना के साथ BJP का गठबंधन हिंदुत्व पर आधारित था और यह एक तरह से सहज था. कुछ एक झटकों के बावजूद बीजेपी और शिवसेना का दशकों पुराना गठबंधन सहज ही रहा है. लेकिन NCP के मामले में ऐसा नहीं है. लोकसभा चुनाव के नतीजों को लेकर निराशा बढ़ी है. पार्टी और नेताओं ने अपना कैलकुलेशन किया था लेकिन फिर गलत क्या हुआ? इस सवाल का जवाब खोजने की जरूरत है.

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