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जूनागढ़ सीट पर बीजेपी उम्मीदवार की जीत, राजेश चुडासमा 1,34,360 वोटों से जीते

जूनागढ़ सीट पर बीजेपी के उम्मीदवार राजेशभाई चुडास्मा ने जीत दर्ज की. उनका मुख्य मुकाबला कांग्रेस के प्रत्याशी हीराभाई जोतवा से रहा जिन्हें 135494 वोटों से हार का सामना करना पड़ा. राजेशभाई को इस सीट पर कुल 584049 वोट मिले वहीं कांग्रेस के हीराभाई जोतवा ने 448555 वोट हासिल किए. तीसरे नंबर पर बहुजन समाज पार्टी के जयंतीलाल रहे जिन्हें 7282 वोट मिले. राजेशभाई ने साल 2019 में भी यहां से जीत दर्ज की थी. बता दें कि इस लोकसभा सीट पर तीसरे चरण में 7 मई को वोटिंग हुई और यहां कुल 58.80 फीसदी वोट पड़े हैं.

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2019 में भी जूनागढ़ से जीते थे राजेशभाई

साल 2019 के लोकसभा चुनावों में इस सीट पर कुल 61.31 फीसदी वोटिंग हुई थी. उस समय बीजेपी के राजेश चुडासमा 5 लाख 47 हजार 952 वोट पाकर डेढ़ लाख वोटों के अंतर से जीत गए थे. उन्होंने कांग्रेस पार्टी के पंजाबभाई वंश को शिकस्त दी थी. कांग्रेस प्रत्याशी वंश को इस चुनाव में कुल 3 लाख 97 हजार वोट मिले थे. बीजेपी नेता और निवर्तमान सांसद राजेश चुडासमा इस सीट से पहली बार साल 2014 में जीते थे. उस समय भी उन्होंने कांग्रेस के उम्मीदवार पंजाबभाई वंश को 1 लाख 35 हजार 832 वोटों से हराया था.

उस चुनाव में राजेश चुडासमा को कुल 5 लाख 13 हजार वोट मिले थे. वहीं पंजाबभाई वंश 3 लाख 77 हजार वोटों पर सिमट कर रह गए थे. कांग्रेस पार्टी का एक समय में गढ़ रहे जूनागढ़ लोकसभा सीट पर 1991 के चुनाव में बीजेपी को बड़ी विजय मिली थी. उस समय पहली बार यह भावना चिखलिया ने यह सीट जीत कर बीजेपी की झोली में डाली और वह लगातार 1999 तक यहां से चुनाव जीतते रहे.

भाजपा का गढ़ है जूनागढ़

साल 2004 में एक बार जरूर कांग्रेस पार्टी के जशुभाई धनाभाई बाराड ने यह सीट जीत ली, लेकिन उसके बाद से इस सीट पर बीजेपी का कब्जा लगातार बना हुआ है. गुजरात में गिरनार हिल की गोद में बसी ये लोकसभा सीट अब भाजपा का गढ़ बन चुकी है. यहां समय-समय हिंदू, बौद्ध, जैन और इस्लाम धर्म के शासकों का राज रहा. आज भी शहर का प्रमुख हिस्सा किले की दीवारों के भीतर है. इस सीट पर पहला चुनाव 1962 में हुआ था. इस चुनाव में कांग्रेस के उम्मीदवार ने जीत हासिल की थी. इसके बाद स्वतंत्र पार्टी के उम्मीदवार यहां से जीते.

1984 तक कांग्रेस जीतती रही और 1989 में जनता दल के गोविंद भाई यहां से जीते. इस लोकसभा क्षेत्र में सात विधानसभा क्षेत्र आते हैं. इनमें विसावदर पर आम आदमी पार्टी और सोमनाथ विधानसभा पर कांग्रेस का कब्जा है, बाकी जूनागढ़, मंगरोल, तलाला, कोडिनार और उना सीट पर पिछले विधानसभा चुनाव में भाजपा ने जीत हासिल की थी.

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