उत्तर प्रदेश के फिरोजाबाद में बीजेपी पार्षद को ही बेटी की मौत के बाद शव वाहन नहीं मिला. एक तरफ यूपी की योगी सरकार स्वास्थ्य सुविधाओं को लेकर बड़े-बड़े दावे करती है, लेकिन इस तरह की घटनाएं उन सभी दावों की पोल खोलकर रख देती है. एंबुलेंस नहीं मिलने पर पार्षद को अपनी बेटी का शव ई-रिक्शा में रखकर घर ले जाना पड़ा. फिलहाल इस पूरे मामले में स्वास्थ्य विभाग का कोई भी अधिकारी मीडिया से बात करने को नहीं है.
उत्तर प्रदेश सरकार की योगी सरकार का दावा है कि सभी सरकारी अस्पताल के ट्रामा सेंटर और जिला अस्पतालों में मरीज की बीमारी या अन्य घटना में मौत होती है, तो उसके शव ले जाने के लिए वहां सरकारी एंबुलेंस की व्यवस्था की जाएगी, लेकिन फिरोजाबाद के सरकारी ट्रामा सेंटर और मेडिकल कॉलेज में जमीनी हकीकत कुछ और ही कह रही है. भारतीय जनता पार्टी के नगर निगम के वार्ड नंबर 36 के पार्षद धर्मपाल राठौर की 12 साल की बच्ची खुशी घर में खेलते समय गिर गई.
BJP पार्षद को नहीं मिली एंबुलेंस
इस कारण उसे गंभीर चोट आ गई. घटना के बाद परिजन बच्ची को आनन-फानन में सरकारी ट्रॉमा सेंटर लेकर पहुंचे, जहां डॉक्टरों ने जांच के बाद बच्ची को मृत घोषित कर दिया. पार्षद ने अपनी बेटी को ले जाने के लिए एंबुलेंसन की व्यवस्था करने के लिए स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों से बात की तो उन्होंने टालमटोल करते हुए करीब एक घंटा खराब कर दिया. इसके बाद मजबूरन BJP के पार्षद को अपनी बेटी के शव को ई-रिक्शा में रखकर घर ले जाना पड़ा.
ई-रिक्शा में लेकर घर गया बेटी का शव
इस पूरी घटना का वीडियो भी सामने आया है, जिसमें पार्षद अपनी बच्ची के शव को ई-रिक्शा में लेकर जाते हुए नजर आ रहे हैं. इस पूरे मामले को लेकर अभी तक स्वास्थ्य विभाग का कोई भी अधिकारी मीडिया से बात करने को तैयार नहीं है.