बालोद: दल्लीराजहरा में गणेश विसर्जन जुलूस के दौरान शासकीय कार्य में बाधा और पुलिस से दुर्व्यवहार के आरोप में भाजपा पार्षद विशाल मोटवानी को पुलिस ने गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है. गिरफ्तारी के बाद दल्लीराजहरा में व्यापारी संगठनों ने दुकान बंद रखकर विरोध जताया.
विसर्जन के दौरान विवाद
10 सितम्बर को राजहरा शहर में गणेश विसर्जन झांकी निकाली गई थी. प्रशासन द्वारा निर्धारित समय बीत जाने के बाद भी डीजे बजता रहा. इस पर ड्यूटी में तैनात पुलिस ने ध्वनि विस्तारक यंत्र बंद करने की बात कही. आरोप है कि इसी दौरान पार्षद विशाल मोटवानी ने ड्यूटी पर मौजूद एएसआई से बहस की, गाली-गलौज की और कॉलर पकड़कर धक्का-मुक्की कर शासकीय कार्य में बाधा डाली.
मामला दर्ज और गिरफ्तारी
पुलिस के अनुसार घटना की जानकारी वरिष्ठ अधिकारियों को दी गई. इसके बाद एसपी योगेश कुमार पटेल के निर्देश और एएसपी मोनिका ठाकुर के पर्यवेक्षण में थाना राजहरा में अपराध क्रमांक 286/25 धारा 132, 221, 296 बीएनएस के तहत अपराध पंजीबद्ध किया गया.
शुक्रवार 12 सितम्बर को एएसपी मोनिका ठाकुर के मार्गदर्शन में सीएसपी डॉ. चित्रा वर्मा, एसडीओपी देवांश सिंह राठौर और थाना प्रभारी के नेतृत्व में पुलिस ने एसडीएम कार्यालय राजहरा के पास से विशाल मोटवानी को गिरफ्तार कर न्यायिक रिमांड पर भेज दिया. पुलिस का कहना है कि विशाल मोटवानी के खिलाफ पहले से ही विभिन्न धाराओं में 10 प्रकरण दर्ज हैं.
गिरफ्तारी को लेकर उठे सवाल
गिरफ्तारी के बाद शहर में राजनीतिक चर्चाएं भी गर्म हो गईं. सूत्रों का कहना है कि यह कार्रवाई केवल विसर्जन विवाद तक सीमित नहीं है, बल्कि विशाल मोटवानी के बढ़ते राजनीतिक कद और आपसी गुटबाजी का असर भी इसमें दिखाई देता है. कुछ लोगों का मानना है कि विभाग और मोटवानी के बीच पिछले दिनों से तालमेल ठीक नहीं बैठ रहा था. वहीं, असामाजिक तत्वों को संरक्षण देने और पूर्व एएसआई हीरामन मंडावी की आत्महत्या मामले में विभाग के खिलाफ दिए गए बयानों को भी इस गिरफ्तारी से जोड़ा जा रहा है. हालांकि इन आरोपों का पुलिस विभाग ने खंडन किया है.
व्यापारियों का विरोध
गिरफ्तारी के विरोध में व्यापारी संगठनों और चेंबर ऑफ कॉमर्स ने बाजार बंद का आह्वान किया. इसके चलते शहर की अधिकांश दुकानें बंद रहीं. पुलिस प्रशासन ने किसी भी अप्रिय घटना से निपटने के लिए पूरे शहर में कड़ी सुरक्षा व्यवस्था की है.