बीजेपी ने की SP सांसद मुहिबुल्लाह नदवी को अयोग्य ठहराने की मांग, क्या है इमाम पद से जुड़ा मामला?

भारतीय जनता पार्टी ने समाजवादी पार्टी (SP) के सांसद मुहिबुल्लाह नदवी को एक मस्जिद के इमाम के रूप में कथित तौर पर ‘लाभ का पद’ धारण करने और वक्फ बोर्ड से वेतन लेने के आरोप में लोकसभा सदस्य के रूप में अयोग्य घोषित करने की मांग की है.

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लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला को लिखे एक पत्र में, बीजेपी अल्पसंख्यक मोर्चा के अध्यक्ष जमाल सिद्दीकी ने कहा है कि उत्तर प्रदेश के रामपुर से सांसद नदवी संसद के पास एक मस्जिद के इमाम भी हैं और उन्हें वक्फ बोर्ड से 18 हजार रुपये मासिक वेतन मिलता है.

बीजेपी अल्पसंख्यक मोर्चा ने क्या कहा?

सिद्दीकी ने कहा कि संविधान के अनुच्छेद 102(1)(ए) के तहत, नदवी द्वारा धारित इमाम के पद को ‘लाभ का पद’ माना जा सकता है क्योंकि इसका फाइनेंस दिल्ली सरकार के अधीन एक वैधानिक निकाय द्वारा किया जाता है.

बीजेपी अल्पसंख्यक मोर्चा ने बिरला को लिखे पत्र का हवाला देते हुए सिद्दीकी के हवाले से कहा, “दिल्ली वक्फ बोर्ड के अंतर्गत इमाम के पद की स्थिति की जांच की जानी चाहिए कि क्या यह लाभ के पद की श्रेणी में आता है.”

उन्होंने कहा, “अगर यह लाभ का पद पाया जाता है, तो इसकी जांच अनुच्छेद 103 के तहत चुनाव आयोग को सौंपी जानी चाहिए. इसके साथ ही, संविधान और लोकसभा के नियमों के मुताबिक, मुहिबुल्लाह नदवी की अयोग्यता की प्रक्रिया शुरू की जानी चाहिए.”

CM रेखा गुप्ता को लिखा गया पत्र

सत्तारूढ़ बीजेपी के अल्पसंख्यक मोर्चा ने कहा कि जमाल सिद्दीकी ने दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता को भी पत्र लिखकर नदवी को मस्जिद के इमाम पद से ‘तुरंत हटाने’ की मांग की है, क्योंकि उन्होंने रामपुर के सांसद पर मस्जिद को अपनी ‘निजी संपत्ति’ के रूप में इस्तेमाल करने का आरोप लगाया है.

सिद्दीकी ने कहा, “22 जुलाई, 2025 को मुहिबुल्लाह नदवी ने समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव, धर्मेंद्र यादव और अन्य सांसदों, पार्टी कार्यकर्ताओं के साथ उस मस्जिद में पार्टी की बैठक की जहां नमाज़ पढ़ी जाती है और चाय-नाश्ता भी किया, जो इस्लामिक मॉडल कोड ऑफ कंडक्ट के खिलाफ है.” उन्होंने आरोप लगाया कि नदवी सपा सांसद डिंपल यादव को भी मस्जिद ले गए, जबकि वहां महिलाओं का प्रवेश वर्जित है.

जमाल सिद्दीकी ने आरोप लगाया, “(मस्जिद की) पहली मंजिल पर महिलाओं के बैठने के लिए जगह है. गौर करने वाली बात है कि डिंपल यादव का पहनावा भी मस्जिद के नियमों के खिलाफ था. मुहिबुल्लाह नदवी इस मस्जिद का इस्तेमाल अपनी निजी संपत्ति के रूप में कर रहे हैं और वहां समाजवादी पार्टी का प्रचार कर रहे हैं, जो एक इमाम के तौर पर नहीं किया जा सकता.”

 ‘अटल जी भी मस्जिद आ चुके हैं…’

बीजेपी के आरोप पर सांसद मोहिबुल्लाह नदवी ने कहा, “बीजेपी साझा विरासत के खिलाफ है और जब यह विरासत ही नहीं रहेगी तो आपस में मुल्क की जो खूबसूरती है, उसको ग्रहण लग जाएगा. जहां तक शिकायत करने का ताल्लुक है, तो जाहिर सी बात है आप किसी से भी कोई भी शिकायत कर सकते हैं लेकिन यह भी बुनियाद बात है कि इस मस्जिद में शाहनवाज हुसैन नमाज पढ़ने आते हैं, अटल बिहारी जी भी मस्जिद कैंपस में आ चुके हैं.”

उन्होंने आगे कहा कि बीजेपी को मुसलमान से नफरत है. देश की प्रगति से बीजेपी को कोई मतलब नहीं है. मैं मस्जिद में रहता नहीं हूं, एमपी हाउस में शिफ्ट हो गया हूं. 2019 से ही हमने मस्जिद से कोई वेतन नहीं लिया है और ना ही वहां हम रहते हैं.

एसपी सांसद ने आगे कहा, “बीजेपी को ऐसा लग रहा है अगर कि मैं लोकसभा का सदस्य रहने लायक नहीं हूं, तो यह उनकी सोच है. मुझे तो देश की सेवा के लिए जनता ने चुना है और मैं उसके लिए जो मैंने शपथ ली है, उसके लिए प्रतिबद्ध हूं. यह बहुत बुरी बात है कि बीजेपी ने डिंपल यादव जी के कपड़ों पर कमेंट किया. वह हमारे लिए सम्मानित महिला हैं.”

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