समाजवादी पार्टी ने समाजवादी लोहिया वाहिनी की बैठक के लिए पोस्टर लगाए थे. इनमें अखिलेश यादव और बाबा साहेब भीमराव आंबेडकर की तस्वीरों को आधा-आधा काटकर जोड़ा गया. इसे बीजेपी ने बाबा साहेब का अपमान करार दिया है और विरोध प्रदर्शन का ऐलान किया है. भारतीय जनता पार्टी बुधवार को प्रदेश की राजधानी लखनऊ समेत सभी जिला मुख्यालयों पर विरोध प्रदर्शन करेगी. लखनऊ में सुबह 11 बजे अटल चौक स्थित बाबा साहेब की प्रतिमा के सामने बीजेपी के नेता और कार्यकर्ता विरोध प्रदर्शन करेंगे. बीजेपी का कहना है कि सपा ने बाबा साहेब भीमराव आंबेडकर के चित्र से आधा चेहरा काटकर उसमें अखिलेश यादव का आधा चेहरा जोड़कर उनका अपमान किया है. बीजेपी बाबा साहेब का अपमान किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं करेगी.
बीजेपी के राज्यसभा सांसद बृजलाल ने कहा, समाजवादी पार्टी कार्यालय पर भारतरत्न डॉ. भीमराव आंबेडकर के आधे चित्र के साथ अखिलेश यादव का चित्र लगाकर उन्हें बाबा साहेब के बराबर दिखाया गया है. इतना ही नहीं वही चित्र लोहिया वाहिनी के वरिष्ठ पदाधिकारी ने अखिलेश यादव को भेंट किया है. यह बहुत ही शर्मनाक है. अखिलेश यादव हमेशा बाबा साहेब का अपमान करते रहे हैं. अपमान की कुछ घटनाओं की बानगी दे रहा हूं.
कन्नौज मेडिकल कॉलेज का नाम डॉ भीमराव आंबेडकर मेडिकल कॉलेज था. अखिलेश यादव को बाबा साहेब से इतनी नफरत है कि मुख्यमंत्री बनते ही बाबा साहेब का नाम हटा दिया.
जिला भीमनगर का नाम बदलकर जिला संभल कर दिया. बाबा साहेब का नाम न इन्हें पसंद था और न ही संभल के तत्कालीन समाजवादी पार्टी सांसद शफीकुर्रहमान बर्क को. वोटबैंक के लिए तुष्टिकरण भी तो करना था.
लखनऊ के ‘डॉ भीमराव आंबेडकर ग्रीन-गार्डेन’ का नाम बदलकर इन्होंने जनेश्वर मिश्रा पार्क कर दिया. जनेश्वर मिश्र बड़े नेता थे. उनके लिए लोहिया पार्क की तरह अलग पार्क बनाया जा सकता था लेकिन अखिलेश यादव को बाबा साहेब का अपमान करना था. अखिलेश यादव ने वही किया जैसे मुगल बादशाह करते थे ‘मंदिर तोड़कर, वहीं मस्जिद बना देना.
6 सितंबर 2016 को अखिलेश यादव गाजियाबाद में ‘आला हजरत हज हाउस’ का लोकार्पण कर रहे थे. मंचासीन तत्कालीन कद्दावर मंत्री बाबा साहेब को भू-माफिया बता रहे थे और अखिलेश यादव ताली बजाकर ठहाके लगा रहे थे.
बाबा साहेब बौद्ध धर्म को मानते थे. बौद्ध धर्म से संबंधित जिला प्रबुद्धनगर, पंचशीलनगर के नाम बदलकर जिला हापुड़ औरशामली कर दिया गया.
जिला रमाबाई नगर का नाम बदलकर कानपुर देहात कर दिया. महान दलित संत के नाम पर बने जिला रविदास नगर का नाम बदलकर भदोही कर दिया. अखिलेश को दलित संतों से भी नफरत है.
दलित महापुरुष के नाम पर बने सहारनपुर मेडिकल कॉलेज का नाम बदलकर ‘शेख- उल-हिंद मौलाना महमूद हसन मेडिकल कॉलेज’ कर दिया. ये दलितों को अपमानित करना और मुस्लिम तुष्टिकरण की पराकाष्ठा है.
दलितों से इतनी नफरत कि मुख्यमंत्री बनते ही अखिलेश यादव ने एक लाख से अधिक दलित अधिकारियों को अपमानित करके उन्हें पदावनत कर दिया था. केवल उन दलित कर्मियों को ही नहीं अखिलेश यादव ने पूरे दलित समाज को अपमानित किया था.
आपने महापाप किया है
बीजेपी सांसद ने कहा कि कदम-कदम पर बाबा साहेब और दलितों का अपमान करने वाले अखिलेश अब बाबा साहेब आंबेडकर बनने चले हैं. अखिलेश यादव, आप बाबा साहेब के चरणों की धूल भी नहीं हैं. बाबा साहेब भारत के संविधान शिल्पी हैं, विश्व के सबसे बड़े विद्वान रहे हैं. आपने बाबा साहेब के आधे चित्र के साथ अपना आधा चित्र लगाकर उनका अपमान किया है, महापाप किया है. तुरंत माफी मांगो. आपका पीडीए आपके साथ ही बेनकाब हो चुका है. आप दलितों को भ्रमित नहीं कर सकते