ओडिशा में पहली बार भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) की सरकार बनने जा रही है. 2024 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने 147 सदस्यीय विधानसभा में 78 सीटें जीतकर बहुमत हासिल किया है. हालांकि, पार्टी ने अभी तक अपने नेता का चयन नहीं किया है जो राज्य की बागडोर संभालेगा.
ओडिशा के वरिष्ठ सांसद धर्मेंद्र प्रधान के केंद्र सरकार में मंत्री नियुक्त किए जाने के बाद उनके राज्य का अगला मुख्यमंत्री बनने की संभावना कम ही दिख रही है. बीजेपी ने नए मुख्यमंत्री के चयन के लिए केंद्रीय मंत्रियों राजनाथ सिंह और भूपेंद्र यादव को पर्यवेक्षक नियुक्त किया है.
न्यूज एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, एक वरिष्ठ नेता ने हालांकि हाल ही में कहा था कि बीजेपी नेतृत्व लोगों को चकित कर सकता है, जैसा उसने मध्य प्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ में किया था. उन राज्यों में मुख्यमंत्री पद के लिए ऐसे नामों की घोषणा की गई थी, जिनके बारे में राजनीतिक विशेषज्ञों ने अनुमान नहीं लगाया था. पार्टी ने 12 जून को शपथग्रहण समारोह से पहले राज्य की राजधानी में प्रधानमंत्री मोदी का एक रोड शो आयोजित करने का प्रस्ताव किया है.
ओडिशा के लिए बीजेपी के राष्ट्रीय पर्यवेक्षक विजयपाल सिंह तोमर ने कहा कि पार्टी की राज्य इकाई के प्रमुख मनमोहन सामल व्यक्तिगत रूप से नवीन पटनायक को शपथ ग्रहण समारोह के लिए आमंत्रित करेंगे.
राज्य में 24 साल से थी बीजेडी की सरकार
ओडिशा को बीजू जनता दल का गढ़ कहा जाता है. यहां पर 24 साल उसकी सरकार रही. इस दौरान नवीन पटनायक ने राज्य की कमान संभाली. पटनायक कहते हैं है कि जब उन्होंने राज्य की कमान संभाली थी, तब यहां की 70 प्रतिशत आबादी गरीबी रेखा से नीचे रह रही थी और अपने 24 साल के कार्यकाल में उन्होंने इसे घटाकर 10 प्रतिशत पर ला दिया है.
पटनायक ने अपने विधायकों से कहा, जब मैं पहली बार मुख्यमंत्री बना था, तब ओडिशा के 70 प्रतिशत लोग गरीबी रेखा से नीचे रह रहे थे. अब, केवल 10 प्रतिशत लोग ही गरीबी रेखा से नीचे हैं. कृषि और सिंचाई क्षेत्रों तथा महिला सशक्तिकरण में हमारे प्रयासों से यह उपलब्धि हासिल हुई है. हमारे लिए शर्मिंदा होने की कोई बात नहीं है.