नरसिंहपुर में रेप के फर्जी मामले बनाकर रुपए वसूलने वाले एक गिरोह का खुलासा हुआ है। गुरुवार को पुलिस ने नए बस स्टैंड स्थित जय श्रीराम ट्रैवल्स ऑफिस से एक भाजपा नेता को 30 हजार रुपए लेते रंगे हाथ पकड़ा।
हैरानी की बात ये रही कि पुलिस ने आरोपी नेता छुट्टू महाराज उर्फ बृजेंद्र दुबे को रात में ही थाने से छोड़ दिया। इसके बाद उसने शुक्रवार को पीड़ित के घर पहुंचकर शिकायत वापस लेने की धमकी दी। पीड़ित ने इस संबंध में दोबारा पुलिस से शिकायत की है।
स्टेशनगंज थाना प्रभारी रत्नाकर हिंग्वे ने बताया कि पीड़ित की शिकायत पर छुट्टू उर्फ बृजेंद्र महाराज, संदीप राजपूत और पूना बाई चौधरी के खिलाफ बीएनएस की धारा 308(2) और 3(5) के तहत मामला दर्ज किया गया है। पुलिस मामले की गंभीरता से जांच कर रही है। बयान दर्ज किए जा रहे हैं।
शिकायतकर्ता से मांगे थे दो लाख रुपए धनारे कॉलोनी निवासी राजेश जैन को छुट्टू महाराज ने फोन कर अपने ट्रेवल्स ऑफिस बुलाया था। वहां पहुंचने पर उसे धमकाया गया कि महिला थाने में उसके खिलाफ रेप का केस दर्ज है। इससे बचने के लिए पैसों का इंतजाम करना होगा। इस दौरान पूना बाई चौधरी और संदीप राजपूत भी मौके पर मौजूद रहे। उन्होंने राजेश से दो लाख रुपए की मांग की।
राजेश जैन ने फौरन इसकी जानकारी पुलिस और अधिवक्ता संघ को दी। एक विशेष टीम ने आरोपी को पकड़ने के लिए जाल बिछाया। जब राजेश ने छुट्टू महाराज को तीस हजार रुपए दिए, तो पुलिस ने उसे मौके पर ही उसे रंगे हाथ दबोच लिया। आरोपी 2022 में शहर के मुशरान वार्ड से भाजपा के टिकट पर पार्षद का चुनाव भी लड़ चुका है।
पीड़ित ने थाने में दोबारा शिकायत की भाजपा नेता छुट्टू महाराज को गिरफ्तारी के कुछ ही घंटों बाद थाने से छोड़ दिया गया। अगले ही दिन पीड़ित ने एसपी को शिकायती आवेदन दिया। उसने बताया कि आरोपी अब उसके घर जाकर शिकायत वापस लेने की धमकी दे रहा है। पीड़ित ने अपनी सुरक्षा की गुहार भी लगाई है।
कांग्रेस बोली- नेताओं ने वसूली को हथियार बना लिया एमपी कांग्रेस के प्रदेश ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर आरोपी के रंगे हाथ पकड़े जाने का वीडियो शेयर किया। कांग्रेस ने लिखा- मध्यप्रदेश में भाजपाई जो न करें, वही कम है। हर गोरखधंधे में कहीं न कहीं कोई भाजपाई सामने आ जाता है।
नरसिंहपुर में भाजपा नेता छुट्टू महाराज को पुलिस ने रेप केस में फंसाने के नाम पर वसूली के आरोप में गिरफ्तार किया है। हर तरह के अपराध में भाजपाइयों की संलिप्तता यह बताती है कि सत्ता के संरक्षण में नेताओं ने वसूली को हथियार बना लिया है