Left Banner
Right Banner

भाजपा विधायक संजय पाठक पर आदिवासियों की जमीन खरीदने का आरोप, एसटी आयोग ने नोटिस जारी कर जांच शुरू

कटनी जिले में भाजपा विधायक संजय पाठक पर आदिवासियों के नाम पर करोड़ों रुपये की जमीन खरीदने का आरोप लगने के बाद प्रशासन जांच में जुट गया है। कांग्रेस जिलाध्यक्ष दिव्यांशु अंशु मिश्रा ने आरोप लगाया कि पाठक ने कटनी, डिंडौरी, जबलपुर, सिवनी और उमरिया जिलों में आदिवासियों की 1111 एकड़ भूमि धोखाधड़ी के जरिए अपने कर्मचारियों के नाम खरीदी। इस शिकायत के बाद राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग (एसटी आयोग) ने संबंधित जिलों के कलेक्टरों को नोटिस जारी कर एक माह के भीतर रिपोर्ट मांगी थी।

प्रशासन की जांच प्रक्रिया
कटनी कलेक्टर के निर्देश पर डिप्टी कलेक्टर ने एसपी को पत्र भेजकर 15 दिनों में जांच प्रतिवेदन प्रस्तुत करने को कहा है। इसके अलावा, एसडीएम और तहसीलदारों को निर्देश दिए गए हैं कि वे कथित गरीब आदिवासियों की जानकारी जुटाएं और उनके बयान दर्ज करें। प्रशासन यह पता लगाएगा कि इन आदिवासियों के पास जमीन खरीदने के लिए करोड़ों रुपये कहां से आए और भुगतान किस तरह किया गया।

गरीबी रेखा के नीचे आदिवासी शामिल
शिकायत में विशेष रूप से तीन आदिवासियों—नत्थू कोल, प्रहलाद कोल और राकेश सिंह गौड़—का उल्लेख है, जो गरीबी रेखा के नीचे जीवन यापन कर रहे हैं। प्रशासन इन आदिवासियों से पूछताछ करेगा कि उनके पास संपत्ति की इतनी बड़ी राशि कैसे आई और जमीन खरीदने के समय भुगतान किसके माध्यम से हुआ।

जांच रिपोर्ट आयोग को भेजी जाएगी
कटनी डिप्टी कलेक्टर प्रदीप मिश्रा ने बताया कि आदिवासियों से बयान दर्ज करने के बाद संपूर्ण जांच रिपोर्ट राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग को भेजी जाएगी। यह रिपोर्ट आयोग के समक्ष प्रस्तुत होने के बाद तय होगा कि आरोप सही पाए जाते हैं या नहीं और आगे की कार्रवाई का मार्ग प्रशस्त होगा।

सार्वजनिक और राजनीतिक प्रभाव
इस मामले ने स्थानीय राजनीति और आदिवासी समुदाय में हलचल पैदा कर दी है। एसटी आयोग की जांच के बाद यह स्पष्ट होगा कि क्या विधायक पाठक ने अपने पद का दुरुपयोग कर आदिवासियों की भूमि पर अवैध कब्जा किया या नहीं। प्रशासन द्वारा त्वरित और पारदर्शी कार्रवाई से ही समुदाय और जनसामान्य में विश्वास कायम किया जा सकेगा।

इस जांच का परिणाम आने के बाद राज्य के अन्य जिलों में भी ऐसे मामलों की समीक्षा की संभावना है, ताकि आदिवासियों के अधिकारों की रक्षा सुनिश्चित हो सके।

Advertisements
Advertisement