कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव और पंजाब के नए प्रभारी बनाए जाने के बाद पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि, ‘किसी को खुश होने की जरूरत नहीं, मैं छत्तीसगढ़ नहीं छोड़ रहा हूं।’
उनका ये बयान बीजेपी के जारी किए गए एक कार्टून के जवाब में आया है, जिसमें उन्हें छत्तीसगढ़ से बोरिया-बिस्तर समेटकर जाते हुए दिखाया गया है।
सोशल मीडिया पर BJP का पोस्ट
बीजेपी के ऑफिशियल सोशल मीडिया अकाउंट से जारी किए गए भूपेश बघेल के कार्टून में ‘Bye Bye Chhattisgarh’ का कैप्शन दिया गया है।
साथ ही छत्तीसगढ़ में हाथ साफ बताते हुए बघेल के कार्टून को बोरिया-बिस्तर ले जाते दिखाया गया है और साथ ही स्पीच बबल में पुरानी फिल्म का एक गीत ‘हम तो चले परदेस, हम परदेसी हो गए’ लिखा गया है।
रमन सिंह पर साधा निशाना
इसी कार्टून पर पर प्रतिक्रिया देते हुए बघेल ने कहा कि उनकी राष्ट्रीय महासचिव की जिम्मेदारी का असर प्रदेश की राजनीति में उनकी सक्रियता पर नहीं पड़ेगा।
उन्होंने कहा कि रमन सिंह राष्ट्रीय उपाध्यक्ष होते हुए भी 5 साल राज्य से बाहर निकले ही नहीं। मैं प्रदेश में रहते हुए देश के विभिन्न राज्यों में चाहे वो संगठन के मामले हों या राज्य के, जिम्मेदारी दी गई तो उसका निर्वहन मैंने किया।
रायपुर एयरपोर्ट पर हुआ भव्य स्वागत
राष्ट्रीय महासचिव और पंजाब के प्रदेश प्रभारी की जिम्मेदारी मिलने के बाद दिल्ली से लौटे भूपेश बघेल का रायपुर के स्वामी विवेकानंद एयरपोर्ट पर बुधवार को भव्य स्वागत हुआ। बड़ी संख्या में कांग्रेस कार्यकर्ता वहां पहुंचे और जोरदार नारेबाजी की।
कांग्रेस अध्यक्ष के बयान का समर्थन
बघेल ने कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के उस बयान का समर्थन किया, जिसमें कहा गया था कि पार्टी नेतृत्व जिसे भी किसी राज्य का प्रभार देता है, उसकी सफलता या असफलता की जिम्मेदारी तय होनी चाहिए। उन्होंने कहा, ‘अगर किसी को कोई जिम्मेदारी दी जाती है, तो उसका आकलन भी होना चाहिए।’
कांग्रेस में बदलाव के संकेत
छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव में हार के बाद कांग्रेस में आत्ममंथन जारी है। बघेल की राष्ट्रीय महासचिव और पंजाब प्रभारी के रूप में नियुक्ति को पार्टी में बदलाव के संकेत के रूप में देखा जा रहा है। हालांकि, उन्होंने साफ कर दिया कि वे छत्तीसगढ़ में अपनी सक्रियता बनाए रखेंगे।
भूपेश बघेल ने पत्रकारों से बातचीत में कहा कि पार्टी ने उन्हें राष्ट्रीय महासचिव की जिम्मेदारी दी है, लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि वे प्रदेश की राजनीति से दूर हो जाएंगे। उन्होंने स्पष्ट किया कि वे छत्तीसगढ़ में कांग्रेस संगठन को मजबूत करने के लिए पूरी तरह से समर्पित रहेंगे।