डूंगरपुर: नगर पालिका सागवाड़ा में राज्य सरकार की ओर से अध्यक्ष पद पर मनोनयन के बाद भाजपा पार्टी के दो पूर्व पदाधिकारियों की अनुशासनहीनता पर भाजपा जिलाध्यक्ष ने दोनो का त्यागपत्र स्वीकार करते हुए भाजपा की प्राथमिक सदस्यता खत्म कर दी.
इसमें नगर पालिका सागवाड़ा के पूर्व उपाध्यक्ष कुतुबुददीन कोठी और पूर्व नगर मंडल महामंत्री नीरज पंचाल है. ये दोनों पिछले कई महिनों से भाजपा की रीति-नीति के अनुसार नही चल रहे थे तथा नगर पालिका सागवाड़ा के अध्यक्ष पद पर आशिष गांधी के मनोनयन के बाद से लगातार विरोध करते नजर आए थे. दोनो पदाधिकारियों की ओर से सोशल मीडिया में भी अनगर्ल बयानबाजी हो रही थी.
जानकारी के लिए बता दें कि हाल ही में कुछ दिन पहले सागवाड़ा नगर पालिका अध्यक्ष आशिष गांधी की ओर से नगर पालिका भवन को शहर से बाहर ले जाने की बात उठी थी. इसी बात पर इन दोनो पार्टी कार्यकर्ताओं ने जमकर विरोध किया था जिसके बाद पालिका भवन को कहीं और जगह ले जाने का निर्णय फाइनल नही हुआ था. इधर, इन दोनों की ओर से 29 अगस्त को त्यागपत्र दिया था जिसे जिलाध्यक्ष अशोक पटेल रणोली ने स्वीकार करते हुए प्राथमिक सदस्यता से मुक्त कर दिया. वहीं, उनके व्यवहार को पार्टी विरोधी माना गया है.
दोनों पदाधिकारी कांग्रेस के अध्यक्ष नरेंद्र खोड़निया को निलंबित कराने का भर रहे थे दम
नगर पालिका उपाध्यक्ष कुतुबुददीन कोठी ने अपने त्यागपत्र में लिखा कि सागवाड़ा नगर पालिका में मनोनित आशीष गांधी कांग्रेसी नीतियों को लागू कर रहे है. जिससे भाजपा को भारी क्षति होगी. आने वाले समय में चुनाव में भाजपा को भारी नुकसान होगा. वहीं, भाजपा के अंदर पुराने कार्यकर्ताओं की कोई वखत नही है. जनता से जुड़े कोई काम नही हो रहे है. दो वर्ष पूर्व नगर पालिका सागवाडा के चेयरमेन नरेंद्र खोडनिया को निलंबित कराया था. सागवाड़ा नगर पालिका भवन को यथावत रखने के लिए लड़ाई भी लड़ी थी. ऐसे में जो निर्णय अभी लिया जा रहा है वो पार्टी के कार्यकर्ताओं और जनता के साथ धोखा बताया.
पिछले तीन माह से सागवाड़ा क्षेत्र में चल रही है साजिश और प्रोपोगेंडा
राज्य में भाजपा शासन होने के बाद लगातार सागवाड़ा में मनोनित पालिका अध्यक्ष के खिलाफ विरोध प्रदर्शन सोची-समझी रणनीति के साथ कराया जा रहा है. पहली बोर्ड की बैठक में भाजपा समर्थित पार्षदों का नही जाना. दूसरी बैठक में कांग्रेस पार्षदो का विरोध प्रदर्शन करते हुए ज्ञापन देना और नगर पालिका सागवाडा के किसी भी निर्णय का लगातार जमकर विरोध हो रहा है. ऐसे में सागवाड़ा में भाजपा के खिलाफ हो रही इस प्रकार की साजिशों से पार्टी की लगातार परेशानी बढ़ रही थी.
वहीं, सोशल मीडिया पर भाजपा की नीतियों का विरोध करने पर त्यागपत्र को जल्द ही स्वीकार करते हुए प्रदेश स्तर तक अनुशासनहीनता की शिकायत की गई है. इधर, सागवाडा नगर सहित आसपास के मंडलों में पार्टी विरोधी गतिविधियों पर अब नजर रखी जा रही है तथा जल्द ही कुछ अन्य कार्यकर्ता भी बाहर हो सकते है.