भाजपा ने छत्तीसगढ़ कांग्रेस पर साधा निशाना, कहा सभी पायलट प्रोजेक्ट फेल

छत्तीसगढ़ में कांग्रेस संगठन के अंदर चल रही गुटबाजी को लेकर भाजपा ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है। भाजपा प्रवक्ता डॉ. विजयशंकर मिश्रा ने आरोप लगाया कि प्रदेश प्रभारी सचिन पायलट द्वारा शुरू किए गए सभी ‘पायलट प्रोजेक्ट’ पूरी तरह विफल रहे हैं। मिश्रा ने कहा कि ये प्रयास नेताओं और कार्यकर्ताओं को एकजुट करने में नाकाम साबित हुए हैं और कांग्रेस का संगठन कमजोर होता जा रहा है।

भाजपा का कहना है कि कांग्रेस संगठन में स्पष्ट नेतृत्व और दिशा की कमी है। मिश्रा ने बताया कि पायलट के प्रयासों के बावजूद कार्यकर्ताओं में असंतोष और भ्रम की स्थिति बनी हुई है। इससे पार्टी के भीतर एकता नहीं बन पा रही है और राज्य स्तर पर भी इसका नकारात्मक प्रभाव पड़ रहा है।

भाजपा के प्रवक्ता ने यह भी कहा कि कांग्रेस के ये असफल प्रयास केवल दिखावे तक सीमित हैं। मिश्रा ने जोर देकर कहा कि पार्टी के भीतर गुटबाजी और नेतृत्व की कमजोरी चुनावों में भी स्पष्ट रूप से दिखाई देगी। उन्होंने कांग्रेस कार्यकर्ताओं से अपील की कि वे अपने नेताओं की कमजोरी को समझें और राज्य की जनता को वास्तविक स्थिति के बारे में बताएं।

इस मामले में कांग्रेस की प्रतिक्रिया भी सामने आई है। पार्टी के स्थानीय नेताओं का कहना है कि पायलट ने संगठन को मजबूत बनाने के लिए कई कदम उठाए हैं, लेकिन कई बार बाहरी परिस्थितियों और पुराने राजनीतिक समीकरणों के कारण प्रयासों को सफल नहीं होने दिया गया। उन्होंने कहा कि संगठन के अंदर सुधार की प्रक्रिया जारी है और भविष्य में ये पायलट प्रोजेक्ट बेहतर परिणाम देंगे।

विशेषज्ञों का मानना है कि राज्य में राजनीतिक गतिशीलता लगातार बदल रही है और दोनों ही प्रमुख दलों के बीच प्रतिस्पर्धा बढ़ रही है। ऐसे में संगठन की मजबूती और कार्यकर्ताओं की सक्रिय भागीदारी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।

राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि भाजपा की आलोचना कांग्रेस के अंदरूनी हालात को उजागर करती है, लेकिन कांग्रेस के नेतृत्व के लिए यह चुनौती भी बन सकती है। संगठन को अपनी रणनीतियों और पायलट प्रोजेक्ट्स की समीक्षा कर उन्हें सुधारने की आवश्यकता है, ताकि पार्टी कार्यकर्ताओं और जनता दोनों के बीच अपनी स्थिति मजबूत कर सके।

भाजपा और कांग्रेस के बीच यह राजनीतिक लड़ाई आगामी महीनों में और तेज होने की संभावना है, खासकर राज्य के स्थानीय और विधानसभा चुनावों के मद्देनजर।

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