महाराष्ट्र में बीजेपी का होगा सीएम, शिवसेना और NCP को डिप्टी सीएम पद, अजित पवार ने साफ की सरकार गठन की तस्वीर

महाराष्ट्र में अगला सीएम कौन होगा? इस पर लंबे समय से बरकरार सस्पेंस अब खत्म हो गया है. एनसीपी नेता अजित पवार ने महाराष्ट्र में सरकार गठन की तस्वीर साफ कर दी है, अजित ने कहा कि सूबे में मुख्यमंत्री, भारतीय जनता पार्टी का होगा, जबकि शिवसेना और एनसीपी के खाते में डिप्टी सीएम का पद जाएगा. उन्होंने कहा कि बैठक (महायुति नेताओं की दिल्ली मीटिंग) के दौरान यह फैसला लिया गया है कि महायुति भाजपा के सीएम के साथ सरकार बनाएगी और शेष दो दलों यानी एनसीपी और शिवसेना के डिप्टी सीएम होंगे. ये पहली बार नहीं है जब फैसले में देरी हुई है. अगर आपको याद हो, 1999 में सरकार गठन में एक महीने का समय लगा था.

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महायुति में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा), एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना और अजित पवार के नेतृत्व वाली राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) शामिल हैं, जिसने महाराष्ट्र विधानसभा चुनावों में शानदार जीत दर्ज की. 132 सीटें जीतकर भाजपा सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी, जबकि शिवसेना ने 57 और एनसीपी ने 41 सीटें जीतीं.

यह पूछे जाने पर कि राज्य का मुख्यमंत्री कौन होगा, अजित पवार ने कहा कि राज्य में भाजपा से एक मुख्यमंत्री और महायुति के अन्य दो दलों से दो उप मुख्यमंत्री होंगे. शपथ ग्रहण समारोह 5 दिसंबर को होगा. हमने एक मजबूत दृष्टिकोण के साथ आगे बढ़ने का फैसला किया है.

5 दिसंबर को होगा शपथ ग्रहण समारोह

महाराष्ट्र बीजेपी अध्यक्ष चंद्रशेखर बावनकुले ने शनिवार शाम को घोषणा की कि नई महायुति सरकार 5 दिसंबर की शाम को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मौजूदगी में दक्षिण मुंबई के आजाद मैदान में शपथ लेगी. हालांकि अभी तक इस बात का आधिकारिक ऐलान नहीं हुआ है कि मुख्यमंत्री कौन होगा, लेकिन भाजपा सूत्रों ने कहा कि देवेंद्र फडणवीस का नाम सीएम पद की रेस में सबसे आगे चल रहा है.

ऐसे हो सकता है मंत्री पद का बंटवारा

सूत्रों के अनुसार, सरकार में विभागों के बंटवारे में प्रत्येक सहयोगी दल की हिस्सेदारी तय करने के लिए छह विधायकों पर एक मंत्री पद के फॉर्मूले पर विचार किया जाएगा. इसके अनुसार, भाजपा के पास करीब 21 से 22 मंत्री पद, शिवसेना शिंदे गुट को 10 से 12 मंत्रालय और अजित पवार एनसीपी गुट को करीब 8 से 9 मंत्रालय मिलेंगे. महाराष्ट्र में मंत्री पद का कुल कोटा मुख्यमंत्री पद सहित 43 से अधिक नहीं होना चाहिए.

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