रांची: राजधानी रांची के झारखंड मुक्ति मोर्चा पार्टी के कैंप कार्यालय मे पार्टी के नेता केंद्रीय प्रवक्ता सुप्रियो भट्टाचार्य के द्वारा एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित किया. इस संवाददाता सम्मेलन के माध्यम से झारखंड भाजपा विधानसभा प्रभारी एवं सह प्रभारी के झारखंड दौरे पर कड़ी राजनीति प्रतिक्रिया व्यक्त की.
झारखंड मुक्ति मोर्चा के केंद्रीय प्रवक्ता ने कहा कि मध्य प्रदेश का व्यापम घोटाला और शारदा चिट फंड घोटाला के सूत्रधार झारखंड भारतीय जनता पार्टी के विधानसभा प्रभारी और सह प्रभारी हैं. भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष ने सेवा के जमीन के आरोपी विष्णु अग्रवाल और कमलेश कुमार को मुलाकात करने का काम किया भाजपा प्रदेश अध्यक्ष भ्रष्टाचारियों के संरक्षक बनकर उभरे हैं. इस कृत को जनता माफ करने नहीं जा रही, नीट मामले पर भी बोलने से बच रही है इस बार भारतीय जनता पार्टी दहाई में भी नहीं जा पाएगी बीजेपी मानसिक रूप से ध्वस्त हो चुकी है.
भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता प्रतुल शाहदेव ने झारखंड मुक्ति मोर्चा के प्रेस वार्ता पर पलटवार करते हुए कहा कि लोकसभा चुनाव में मिली करारी शिकस्त के बाद इंडी गठबंधन बदहवास है. प्रतुल ने कहा कि पूर्ववर्ती सरकार के नंबर वन और नंबर 2 पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और पूर्व संसदीय कार्य एवं ग्रामीण विकास मंत्री आलमगीर आलम दोनों जेल में बंद है. हेमंत सोरेन पर आदिवासी की जमीन हड़पने का आरोप लगा है और आलमगीर आलम पर 3000 करोड रुपए के टेंडर कमीशन घोटाले का आरोप लगा है. प्रतुल ने कहा हेमंत सोरेन पार्ट वन में 70,000 करोड़ के घपले घोटाले का आरोप लगा था। हेमंत सोरेन पार्ट 2 सरकार में भी घोटाला संस्थागत रूप ले चुका है.
प्रतुल ने कहा झारखंड मुक्ति मोर्चा लोकसभा चुनाव के परिणाम से बदहवास हो गई है. 52 सीटों पर एनडीए गठबंधन आगे था और कभी 48 सीटों पर काबिज सत्ताधारी गठबंधन सिर्फ 29 सीटों पर सिमट गया है. वह भी तब जब इन्होंने चुनाव पूर्णता स्थानीय मुद्दों पर लड़ा था.
प्रतुल ने कहा कि भ्रष्टाचार का इस राज्य सरकार में ये आलम है कि जिस शाख पर देखें भ्रष्टाचारी ही बैठा है. कई पूर्व आईएएस और बड़े अधिकारी जो सरकार के चहेते हुआ करते थे, वह जेल में बंद है. प्रतुल ने कहा कि इस सरकार की उल्टी गिनती शुरू हो गई है. यह सरकार अब अपनी राजनीतिक मृत्यु शैय्या पर ऐसे बड़े-बड़े घोषणा कर रही है जिसका डीपीआर भी बनना संभव नहीं है. मूर्त रूप तो लेने की बात बहुत दूर की कौड़ी हो गई.