कर्नाटक के मैसूरु में पुलिस ने एक बड़े सेक्स रैकेट का खुलासा किया है, जहां लड़कियों की ज़िंदगी को बर्बाद कर उन्हें अमानवीय धंधे में धकेला जा रहा था। यह गिरोह ऐसे लोगों को निशाना बनाता था जो नपुंसकता की समस्या से जूझ रहे थे। उन्हें झूठा यकीन दिलाया जाता था कि किसी वर्जिन लड़की के साथ शारीरिक संबंध बनाने से उनकी समस्या दूर हो सकती है। इस घिनौने बहाने से 25 लाख रुपये तक वसूले जा रहे थे।
पुलिस के मुताबिक, इस रैकेट में शामिल लोग अमीर और प्रभावशाली लोगों को अपने जाल में फंसाते थे। झांसा देकर कहा जाता था कि ‘इलाज’ का यह तरीका गुप्त है और बाहर उजागर नहीं किया जा सकता। लालच और डर के कारण कई लोग शिकार बन जाते। इस दौरान नाबालिग लड़कियों की ज़बरदस्ती सप्लाई की जाती थी।
मैसूरु पुलिस को इस मामले की जानकारी एक गुप्त सूचना के बाद मिली। तुरंत कार्रवाई करते हुए पुलिस ने छापा मारा और गिरोह से जुड़े दो लोगों को गिरफ्तार किया। पुलिस का कहना है कि यह संगठित अपराध है, जिसके तार कई राज्यों तक जुड़े हो सकते हैं।
जांच में यह भी सामने आया कि गिरोह गरीब और मजबूर परिवारों की बेटियों को टारगेट करता था। उन्हें पैसों और नौकरी के बहाने बहलाकर फंसाया जाता। कई बार तो सीधे धमकाकर लड़कियों को इस अवैध काम में धकेल दिया जाता था।
इस शर्मनाक खुलासे के बाद पुलिस ने लोगों से अपील की है कि ऐसे झूठे दावों पर भरोसा न करें और किसी भी संदिग्ध गतिविधि की तुरंत सूचना दें। अधिकारियों ने साफ कहा है कि नपुंसकता जैसी समस्या का इलाज केवल डॉक्टर ही कर सकते हैं, इस तरह की कुप्रथाओं से केवल अपराधियों को बढ़ावा मिलता है।
फिलहाल पुलिस गिरफ्तार आरोपियों से पूछताछ कर रही है और पूरे नेटवर्क का पता लगाने की कोशिश में जुटी है। यह मामला समाज में फैली अंधविश्वास की जड़ पर सवाल खड़ा करता है और यह बताता है कि किस तरह लालच और अज्ञानता का फायदा उठाकर मासूमों की ज़िंदगी दांव पर लगाई जाती है।