उत्तर प्रदेश के प्रयागराज से एक हैरान करने वाला मामला सामने आया है. यहां आईएएस की परीक्षा की तैयारी करने आए एक प्रतियोगी छात्र ने एक डॉक्टर क सलाह पर अपना प्राइवेट पार्ट ही काट लिया. ब्लीडिंग ज्यादा होने की वजह से उसे हॉस्पिटल में भर्ती किया गया है. जानकारी के मुताबिक, छात्र अमेठी का रहने वाला है. उसको लगा कि उसका तन लड़के का और मन लड़की का इसलिए उसने इसको लेकर एक डॉक्टर से संपर्क किया था. डॉक्टर की सलाह पर ही उसने अपना प्राइवेट पार्ट काट लिया
जानकारी के मुताबिक, प्रयागराज के सिविल लाइन्स इलाके में एक लॉज में रहने वाले एक प्रतियोगी छात्र ने सर्जिकल ब्लेड से अपना प्राइवेट पार्ट काट लिया. हालत बिगड़ने के बाद लॉज मालिक ने उसे सरकारी अस्पताल में भर्ती कराया. प्रयागराज के स्वरूप रानी नेहरू सरकारी अस्पताल के प्राइवेट वार्ड में भर्ती इस छात्र का कहना है कि उसे एक डॉक्टर ने इसके लिए मोटिवेट किया.
छात्र का कहना है कि उसे लगता था कि इसका तन लड़के का है लेकिन मन लड़की का. बस इसीलिए उसने एक डॉक्टर से सलाह ली. डॉक्टर ने सलाह दी कि इसके लिए पहले अपना प्राइवेट पार्ट काटना होगा. उसने इसके लिए बाकायदा काटने का तरीका भी बताया.
छात्र मेडिकल स्टोर से एनेस्थीसिया का इंजेक्शन और सर्जिकल ब्लेड लेकर आया और कमरे में ही अपना प्राइवेट पार्ट काट डाला. स्वरूप रानी नेहरू अस्पताल के डॉ संतोष का कहना है कि वक्त पर छात्र अस्पताल आ गया, इसलिए उसकी जान बच गई. छात्र की हालत अब ठीक है.
कैसे बदला युवक का मन?
छात्र अमेठी का रहने वाला है जिसके पिता किसान और मां ग्रहणी हैं. छात्र का कहना है कि उसकी पढ़ाई CBSE बोर्ड से हुई है. जब मैं 14 साल का था, तब मैं एक फंक्शन में गया था. वहां लड़कियों के साथ डांस करते हुए मुझे पहली बार एहसास हुआ कि मैं लड़कों की तरह नहीं हूं. सिर्फ लड़कों की तरह दिखता हूं.
वहां से लौटने के बाद मैंने इस बारे में सोचना शुरू किया. इधर मनोवैज्ञानिक डॉ कमलेश बताते हैं कि यह आइडेंटी जेंडर डिसऑर्डर का मामला है जिसमें युवक को लगता है कि वह लड़का नहीं लड़की है. एक लाख में एक कोई ऐसा मामला है. अब उसकी काउंसलिंग ही एक रास्ता है.