कोर्ट परिसर में बम धमाके का मामला, 18 साल बाद दो आरोपी सबूतों के अभाव में बरी

सुल्तानपुर : सुलतानपुर जिला न्यायालय ने 18 साल पुराने एक संगीन मामले में बड़ा फैसला सुनाया है. जिला जज लक्ष्मीकांत शुक्ल ने पर्याप्त साक्ष्य के अभाव में दो आरोपियों को बरी कर दिया. यह मामला 8 नवंबर 2006 का है, जब पूर्व ब्लॉक प्रमुख मोनू सिंह की हत्या के लिए कोर्ट परिसर में बम से हमला किया गया था.

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घटना उस समय हुई जब मोनू सिंह को बल्दीराय थाने के एक मामले में पेशी के लिए दीवानी न्यायालय लाया गया था. दोपहर करीब डेढ़ बजे जब वे पुलिस वाहन से उतर रहे थे, तभी कूरेभार थाने के मझउवा निवासी राजेंद्र मिश्र और उनके साथियों ने हमला कर दिया. एक के बाद एक तीन बम फेंके गए, जिनमें से एक बम मोनू सिंह के पास गिरा.

एक आरोपी के पास बम बेल्ट भी थी, जिसे वह सक्रिय करने की कोशिश कर रहा था.पूछताछ में पता चला कि यह हमला संत ज्ञानेश्वर की हत्या का बदला लेने के लिए किया गया था. हमलावरों में बहराइच के बरगदवा निवासी मदन कुशवाहा, राजेंद्र मिश्र के अलावा संत ज्ञानेश्वर के भाई राम सहाय सिंह और मैनेजर इंद्रदेव तिवारी भी शामिल थे.

मुकदमे की सुनवाई के दौरान इंद्रदेव और राम सहाय की मृत्यु हो गई. न्यायालय ने गवाहों के विरोधाभासी बयानों और पक्षद्रोही होने के कारण मदन कुशवाहा और राजेंद्र मिश्र को बरी कर दिया.यह फैसला सभी पक्षों के साक्ष्यों की गहन समीक्षा के बाद लिया गया.

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